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हिन्दी के विस्थापन का दौर- प्रभु जोशी

जनसत्ता 31 जुलाई, 2014 : अगर आप हिंदी को गरियाने के लिए आगे आने का नेक इरादा रखते हैं तो फिर निश्चिंत हो जाइए कि अब आप अकेले नहीं हैं, बल्कि वित्तीय पूंजी के इस सर्वग्रासी दौर में, नई-नई विचार प्रविधियों से, उपनिवेशीकृत बनाए जा रहे, भारतीय मध्यवर्ग के बुद्धिजीवियों की एक पूरी रेवड़ आपके पीछे दौड़ी चली आने वाली है। इस अनुगामिनी भीड़ को अगर आप थोड़े अतिरिक्त उन्माद...

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कब तक खुले रहेंगे मौत के फाटक? -अनूप कृष्‍ण झींगरन

भारतीय रेलवे विश्व के विशालतम रेलवे तंत्रों में से एक है। इतने विस्तृत तंत्र पर आए दिन रेल दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। हालांकि आंकड़ों के अनुसार यात्रियों की संख्या, तंत्र के विस्तार तथा रेल यातायात को देखते हुए भारतीय रेल एक अपेक्षाकृत सुरक्षित तंत्र है, जहां पर हताहतों की संख्या की दर 0.01 यात्री प्रति दस लाख किलोमीटर है। परंतु एक भी बड़ी दुर्घटना होने पर दक्षता के सारे...

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किताबों की जगह हाथ में झाड़ू, बेटियों को करनी पड़ती है सफाई

सीकर. शिक्षा विभाग की डाइस डाटा रिपोर्ट में सरकारी शिक्षा के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले 100 स्टूडेंट्स में से केवल 27 ही 12वीं की पढ़ाई पूरी कर पा रहे हैं। बाकी 73 स्टूडेंट्स बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं। इसके पीछे बड़ी वजह है सीनियर सैकंडरी स्कूलों और शिक्षकों की कमी। राजस्थान में पहली से पांचवीं कक्षा...

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न्यूनतम पेंशन और बढ़ी हुई वेतन सीमा लागू करने के निर्देश

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने फील्ड कर्मचारियों से संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की भविष्य निधि योजना के तहत वेतन की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपए किए जाने के सरकार के निर्णय को लागू कराने का निर्देश दिया है। इन कर्मचारियों से योजनाओं के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपए करने के लिए भी कहा गया है। संगठन ने अपने कार्यालय आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा है...

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बजट बाद वित्त मंत्री के नाम एक खत...गोविन्दो भट्टाचार्य

प्रिय वित्त मंत्री, यह आपकी सरकार का पहला बजट था। जनता ने भारी-भरकम जनादेश देकर आपको यह मौका दिया। पिछले शासन से अलग हटकर आपने जनता से बदलाव और बिना किसी खैरात के विकास करने का वादा किया था। वित्त मंत्री जी क्या हुआ इन वादों का? तीस सालों में पहली बार आपकी पार्टी पूरी तरह से बहुमत में आई। यह राष्ट्र बखूबी जानता है कि पिछली सरकार ने अपने शासन में...

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