भारत में ई-कॉमर्स का कारोबार काफी तेजी से फैलने लगा है, इसमें कोई संदेह नहीं है. ई-कॉमर्स यानी इंटरनेट की मदद से व्यापार चलाना. पहले यह काम कंप्यूटर-लैपटॉप के जरिये इंटरनेट पर हो रहा था, अब मोबाइल पर भी एप्प के जरिये होने लगा है. इस क्षेत्र में भारतीय सफलता की सबसे बड़ी कहानियां फ्लिपकार्ट और स्नैपडील की रही हैं. हाल में पेटीएम ने भी खुद को बड़ी तेजी से...
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2030 तक होगा मलेरिया का अंत!
वर्षों से जारी प्रयासों और व्यापक खर्चों के बावजूद मलेरिया की वैश्विक चुनौती कायम है. इससे निबटने के लिए भारत समेत कई देशों में वैक्सीन का विकास करने समेत कई वैज्ञानिक उपाय तलाशे जा रहे हैं. वैश्विक स्तर पर हाल में इस दिशा में तीन आरंभिक उपलब्धियां हासिल हुई हैं. देश-दुनिया में मलेरिया की मौजूदा स्थिति, इससे निपटने के प्रयासों में हासिल हालिया उपलब्धियों सहित इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के...
More »ग्रामीण भारत को ‘मेगा पुश’- प्रमोद जोशी
मोदी सरकार ने चार राज्यों के चुनाव के ठीक पहले राजनीतिक जरूरतों का पूरा करनेवाला बजट पेश किया है. इसमें सबसे ज्यादा जोर ग्रामीण क्षेत्र, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों पर है. राजकोषीय घाटे को 3.5 प्रतिशत रखने के बावजूद सोशल सेक्टर के लिए धनराशि का इंतजाम किया गया ोहै. अजा-जजा उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन कार्यक्रम भी इसका संकेत देते हैं. बजट का संदेश है कि अमीर ज्यादा...
More »जेब में पैसा तो बाजार में रौनक - हर्षवर्धन नेवतिया
मोदी सरकार कोई दो साल से सत्ता में है और अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर अग्रसर करने की उसकी प्रतिबद्धता पर संदेह नहीं किया जा सकता। कारोबारी वर्ग ने भी सरकार के सुधारवादी कदमों को सराहा है। लेकिन अब जरूरत इस बात की है कि हम यह आकलन करें कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न् कदमों से हमें कितना लाभ हुआ है। यह सच है कि अर्थव्यवस्था में निरंतरता...
More »अच्छे दिनों की सतर्क उम्मीद-- कन्हैया सिंह
चालू वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि आर्थिक मोर्चे पर सरकार इस बार काफी सतर्कता बरत रही है। खासकर वर्तमान के आकलन और भविष्य के लक्ष्य तय करने के मामले में। बड़ी-बड़ी उम्मीदें बांधने की बजाय उसने व्यावहारिक रवैया अपनाया है। मसलन, अगले वित्त वर्ष की विकास दर को ही लें। सरकार ने अनुमान लगाया है कि अगले साल जीडीपी की विकास दर सात से साढ़े सात फीसदी के...
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