कई राज्यों में पंचायत चुनाव चल रहे हैं। कुछ राज्यों में हो चुके हैं तो कुछ में अभी उनकी प्रक्रिया चल रही है। पंचायत चुनाव के इस माहौल में अगर देश के गांवों में जाकर वहां का हाल जानने की कोशिश करें तो हर चौक-चौराहे पर इन चुनावों को लेकर चर्चा मिलेगी। हर सीट को लेकर गुणा-भाग करते ग्रामीण जन मिलेंगे। सीटों के सामान्य या आरक्षित रहने के विषय में...
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अन्न की बर्बादी और भूख-- रविशंकर
हर साल देश में करीब पचास हजार करोड़ रुपए का अनाज बर्बाद हो जाता है। एक ऐसे देश में जहां करोड़ों की आबादी को दो जून ठीक से खाना नहीं नसीब होता, वहां इतनी मात्रा में अनाजों की बर्बादी किस तरह की कहानी कहती है? इसकी पड़ताल कर रहे हैं रविशंकर। यह विडंबना नहीं, उसकी पराकाष्ठा है कि सरकार किसानों से खरीदे गए अनाज को खुले में छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा...
More »रोशन दिवाली उदास दिया- आर के सिन्हा
एक बार नोबेल पुरस्कार विजेता वीएस नायपाल बता रहे थे कि वे भारत में पहली बार 1961 में दिवाली की रात मुंबई पहुंचे। हवाई अड्डे से होटल के रास्ते में उन्हें यह देख कर निराशा हुई कि यहां ज्यादातर घरों के बाहर मोमबत्तियां सजी थीं। उनके देश त्रिनिदाद एवं टुबैगो में दिवाली पर अब भी मिट्टी के दीए जलाने की रिवाज है। नायपाल ठीक ही कह रहे थे। मोमबत्ती जला...
More »संपन्न लोगों से छीनी जा सकती है रसोई गैस सब्सिडी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार आने वाले दिनों में संपन्न उपभोक्ताओं को रसोई गैस सब्सिडी देने से मना कर सकती है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने इसका संकेत दिया। एक आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह फैसला करने का समय आ गया है कि एक निश्चित आमदनी से ऊपर के लोगों की सब्सिडी को खत्म कर दिया जाए। दरअसल, कार्यक्रम में मौजूद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने...
More »न तो खाना मिलता था और न ही आराम...
नई दिल्ली। काम और बेहतर भविष्य की तलाश में झारखंड से दिल्ली आई दो बहनों को पुलिस और एनजीओ की मदद से मुख्त कराया गया है। खूंटी (झारखंड) की रहने वाली दोनों बहनों को वसंतकुंज नॉर्थ इलाके में कैद करके रखा गया था। झारखंड की रहने वाली ये दोनों बहनें जुलाई से यहां काम कर रहीं थी। दोनों बहनें आदिवासी समुदाय और गरीब परिवार से हैं। गरीबी से तंग आकर दोनों...
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