शिक्षा और स्वास्थ्य, ये दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद स्थिति सुधरती नजर नहीं आती। सुधरेगी भी कैसे, जबकि शासकीय व्यवस्था का वही लापरवाह ढर्रा कायम हो और कर्मचारियों में अपने कर्तव्य का पूर्ण ईमानदारी से निर्वहन का कोई भाव नजर न आता हो। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल एमवाय में घोर लापरवाही की वजह से दो दिन में दो मासूम जिंदगियों के मौत...
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देश की आर्थिक विकास दर रहेगी 7.7 फीसद
नई दिल्ली। देश की आर्थिक विकास दर के चालू वित्त वर्ष 2016-17 में 7.7 फीसद रहने का अनुमान है। कृषि और औद्योगिक क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार का ग्रोथ को सहारा मिलेगा। लगातार दो साल कमजोर मानसून के बाद इस साल इसके अच्छे रहने की संभावनाओं ने सकारात्मक आउटलुक को बल दिया है। फिलहाल, निवेश चक्र के रफ्तार पकड़ने में छह महीने लग सकते हैं। फिक्की के इकोनॉमिक आउटलुक सर्वे...
More »बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक
पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
More »हमारी अम्मा, दीदी और बहनजी - मृणाल पांडे
हालिया चुनावों के नतीजों के साथ ही दो कद्दावर महिला मुख्यमंत्रियों (जयललिता और ममता बनर्जी) ने तमाम ऐतिहासिक साक्ष्यों को नकारते हुए दोबारा अपनी राजनैतिक ताकत का लोहा मनवा लिया। गुजरात में आनंदीबेन की कुर्सी फिलवक्त तो सुरक्षित लगती ही है। अब यदि उत्तर प्रदेश में भी अगले बरस बहिन मायावतीजी फिर सत्ता में आ जाती हैं, तो देश के चार महत्वपूर्ण राज्यों की कमान ताकतवर महिला मुख्यमंत्रियों के हाथों...
More »गांवों में किफायती व गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूलिंग
यह बात वर्ष 2002 की है़ आइआइटी मद्रास से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर इनफोसिस में नौकरी कर रहे उमेश मल्होत्रा टीवी पर एक डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, जो ग्रामीण परिवेश में रहनेवाले बच्चों की शिक्षा से जुड़ा था़ तब उनके मन में एक विचार आया कि क्यों न ऐसे क्षेत्रों में लाइब्रेरी की शुरुआत की जाये, जिनमें बच्चे अपनी मर्जी से किताबें लेकर उन्हें पढ़ सकें. इस योजना पर...
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