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बिहार में चमकी का कहर जारी, अब तक 159 मासूमों को निगला

उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर व इसके आसपास के जिलों में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। बीते 20 दिनों में एईएस के 479 मामले सामने आ चुके हैं। गुरुवार को पांच और बच्चों की मौत एसकेएमसीएच में हो गई। सीतामढ़ी में भी दो बच्चों की मौत हो गई। इस तरह अब तक इस बीमारी से 159 बच्चों की मौत हो चुकी है। गुरुवार...

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गरीबी का वायरस और चमकी बुखार- विनोद बंधु

बिहार के तिरहुत प्रमंडल में पांच साल बाद एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार का प्रेत फिर से जाग उठा है। बीते एक पखवाडे़ में इससे सवा सौ से अधिक बच्चों की सांसें थम चुकी हैं। करीब चार सौ बच्चे अस्पतालों में भर्ती कराए गए। मरीजों का आना अब भी जारी है। हर रोज बच्चों की जान जा रही है। इस इलाके के बच्चों और उनके अभिभावकों की आस...

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सेहत के मानकों पर देश के सबसे पिछड़े 50 जिलों में एक है मुजफ्फरपुर !

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अगर कोई बच्चा साफ-सफाई की कमी से होने वाली ‘डायरिया' जैसी आम बीमारी से पीड़ित हो तो इस बात की कितनी संभावना है उसे प्राथमिक उपचार के तौर पर जीवन-रक्षक घोल(ओआरएस) मिल जाये? बच्चों के तंत्रिका-तंत्र पर आघात करने वाली एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिन्ड्रोम (एईएस) सरीखी गंभीर बीमारी से बचाव और उपचार की व्यवस्था को पल भर भूल जायें और मुजफ्फरपुर जिले में मौजूद बुनियादी स्वास्थ्य-ढांचे की हालत का...

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बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर में दिमागी बुखार सहित अज्ञात बीमारी से अब तक 84 बच्चों की मौत

पटना/मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रविवार की सुबह संदिग्ध रूप से दिमागी बुखार के कारण एक और बच्चे की मौत हो गई, जिसके साथ ही, जिले में इस महीने जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या 84 हो गई. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुमार ने...

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पर्यावरण है जीने का अधिकार: गोपाल कृष्ण

भारत में पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती नीतिगत स्तर पर है. पर्यावरण को अगर नुकसान करना बंद कर दिया जाये, तो वह खुद ही सुधरना शुरू कर देता है. एक तरफ तो उसके नुकसान की प्रक्रिया जारी रहती है और साथ ही उसे बचाने की बात होती है. पर्यावरण को नुकसान पहुंचानेवाली नीतियों और परियोजनाओं पर रोक लगायी जाए. उसके बाद ही बचाने के बारे में सोचा जाए. नदी...

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