भोपाल.प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए लगता है किसानों को ही बलि देनी होगी। उद्योगों के विकास के लिए उपजाऊ जमीन के अधिग्रहण संबंधी आंकड़े तो इसी तरफ इशारा करते हैं। राज्य सरकार ने बीते कुछ सालों में ही हजारों हेक्टेयर उपजाऊ जमीन अपने कब्जे में ले ली है, ताकि उसे उद्योगों के लिए दिया जा सके। प्रदेश में औद्योगिक विकास के नाम पर किसानों की उपजाऊ जमीन को हथियाने का दुष्चक्र...
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किसानों के मसले पर सीएम व कृषि मंत्री आमने-सामने
भोपाल.क्या वन संरक्षण की तरह ही कृषि संरक्षण कानून भी बनना चाहिए? किसानों के हित से जुड़े इस मसले पर भी शिवराज सिंह कैबिनेट में एकराय नहीं है। यही वजह है कि इस मुद्दे पर कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान आमने सामने आ गए हैं। सरकार ने 2009 में अफसरों के साथ किए मंथन कार्यक्रम और इस साल विधानसभा के विशेष सत्र में कृषि भूमि का गैर कृषि कामों में...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »पॉस्को परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण शुरू
पारादीप। उड़ीसा सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने राज्य के जगतसिंहपुर जिले में पॉस्को के 51,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित इस्पात परियोजना के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पारादीप के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सरोज के. चौधरी ने बताया कि हमने गाडा कुजांग पंचायत क्षेत्र में पूरी तरह से सत्यापन करने के बाद लोगों के पास मौजूद सरकारी जमीन का...
More »40 धड़कनें थम गई पर नहीं धड़की मिल
भागलपुर [आशीष]। साल-दर-साल भूख और बदहाली का दंश झेल रहे बिहार स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों के मुरझाए चेहरों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिल को दोबारा खोलने की घोषणा भी मुस्कान नहीं लौटा सकी। सपनों को पल-पल टूटते हुए देखने वाले ये मिल कर्मचारी अब भगवान से मौत की मुराद मांग रहे हैं। मौत के लिए मनुहार करने वाले कर्मचारियों का तर्क है कि रोज-रोज मरने से अच्छा...
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