जनसत्ता 30 अप्रैल, 2013: मंत्रिमंडलीय समितिद्वारा बालश्रम (प्रतिबंधन एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी दिए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं, पर अभी तक यह संसद के दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया है। इस संशोधन को राज्यसभा में पेश भी किया जा चुका है, पर मामला उससे आगे नहीं बड़ा है। इस अधिनियम में संशोधन के बाद चौदह वर्ष से कम आयु के बच्चों से...
More »SEARCH RESULT
लड़कियां खौफ से करती हैं बंधुवा मजदूरी- रणजीत वर्मा
बीते सप्ताह तीन ऐसे मामले सामने आये जिससे पता चलता है कि नाबालिग लड़कियों को घर की मजबूरी या मालिक की जबरदस्ती की वजह से घरेलू नौकर बनाकर रखना आम बात हो गयी है। मामला रसूखदार परिवार का हो तो केस दर्ज करने से पुलिस भी घबराती है। पहला वाकया दो मार्च का है जब कांग्रेस पार्टी के नेता और प्रमुख व्यवसायी में गिने जानेवाले निवारणपुर निवासी चंचल चटर्जी के घर...
More »निर्यात मांग बढऩे से कपास के मूल्य में जोरदार बढ़ोतरी- आर एस राणा
विदेश व्यापार - अक्टूबर से अब तक 80 लाख गांठ कॉटन का निर्यात तेजी का आलम अहमदाबाद शंकर-6 34 हजार रुपये से बढ़कर 40 हजार रुपये प्रति कैंडी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में दैनिक आवक घटकर 17,000 गांठ दैनिक आवक गुजरात में 32,000 गांठ और महाराष्ट्र में 22,000 गांठ न्यूयॉर्क में महीने भर में कॉटन 9\' बढ़कर 92.50...
More »आधी आबादी का पूरा हक ।।किरन राव।।
सिर्फ महिला दिवस आने पर ही महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा क्यों की जाती है? जेंडर पूर्वाग्रह का यह सबसे बड़ा कारण है. जरूरी है कि हम पूरे साल महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा करें और उनको प्रोत्साहित करें. क्यों किसी महिला का नाम तब तक हमारी जुबान पर नहीं आता, जब तक वह बड़ा कीर्तिमान स्थापित नहीं कर लेती. मेरीकॉम बिल्कुल विपरीत परिस्थिति में खुद को तैयार करती हैं, लेकिन लोग...
More »अच्छा कानून दिखावटी अमल- सुभाष गताडे
जनसत्ता 7 मार्च, 2013: सोनिया गांधी की अगुआई में बनी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने पिछले दिनों अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 को अधिक सशक्त बनाने के मकसद से सरकार के सामने अपनी सिफारिशें पेश कीं। दलितों और आदिवासियों पर सामाजिक बहिष्कार लागू करना, साझे संसाधनों के उनके इस्तेमाल पर रोक लगाना, मंदिरों में उनके प्रवेश को प्रतिबंधित करना जैसे मसलों पर कानूनी कार्रवाई करने का सुझाव इन सिफारिशों...
More »