धनार्जन बहुत कठिन नहीं होता, लेकिन खर्च की प्राथमिकता तय करना बहुत कठिन है। राजकोष राष्ट्रीय संपदा है। भारत के लोगों की श्रम साधना से संचित निधि। इसका विनियोग-सदुपयोग राष्ट्रीय विकास के लिए ही किया जाना चाहिए। संविधान निर्माताओं ने बहुमत प्राप्त सरकार को भी मनमाने खर्च की छूट नहीं दी। संसद और विधानमंडल आय और व्यय के प्रत्येक बिंदु पर विचार करते हैं, बजट पारित करते हैं। खर्च अधिकार...
More »SEARCH RESULT
विज्ञान से अछूते क्यों रहें हमारे गांव? - डॉ. अनिल प्रकाश जोशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों गांवों की बदलती तस्वीर में वैज्ञानिकों की भूमिका पर टिप्पणी कर देश में संस्थानों के दायित्वों की तरफ अहम इशारा किया है। यह बात पूरी तरह सच है कि ये संस्थान इस देश को इंडिया बनाने में ज्यादा चिंतित रहे, न कि भारत। आज भी हमारे देश का बड़ा हिस्सा गांवों में ही बसता है। साढ़े छह लाख गांवों में देश की 70 प्रतिशत...
More »अब भारतीय खाद्य निगम पर चलेगा मोदी सरकार का डंडा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय कमेटी ने विवादित फैसले लेने और भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण चर्चित रहे सार्वजनिक उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पर कतरने की सिफारिश की है। कमेटी का कहना है कि एफसीआई पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा में गेहूं, धान और चावल की खरीद का कार्य छोड़ दे। वरिष्ठ सांसद और पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री शांता कुमार की अध्यक्षता...
More »सालभर मिलने वाले भुट्टों के लिए प्रसिद्ध हुआ छत्तीसगढ़ का गांव
अनंगपाल दीक्षित, अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ में कटनी-गुमला नेशनल हाइवे क्रमांक 43 पर स्थित सरगुजा जिले का सिलसिला गांव को यहां के मेहनतकश किसानों ने वर्ष भर स्वादिष्ट भुट्टे के लिए प्रसिद्घ कर दिया है। इस मार्ग पर आने-जाने वाले हर वाहन का पहिया सिलसिला में थम जाता हैं हर कोई यहां के किसानों की मेहनत से पैदा किए गए भुट्टे का स्वाद लेने लालायित रहता है। हर रोज इस छोटे से...
More »80 प्रतिशत महिलाएं नहीं जानतीं क्या है माहवारी- रजनीश आनंद
औरत जात के शरीर से खून जाता है, सो मेरे शरीर से भी जाता है. ई काहे होता है. ऊ हम नहीं जानते. यह कहना है लगभग 35 वर्षीय सुशीला देवी का. सुशीला चाईबासा जिले के बंदगांव प्रखंड, मेरोमगुटू पंचायत के कटवा गांव की रहने वाली हैं. माहवारी को लेकर इस पंचायत में किस कदर ज्ञान का अभाव है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सौ महिलाओं...
More »