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कोविड-19 के समय में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली हल्दी 2021 में क्यों होने वाली है महंगी

-द प्रिंट, महामारी के वर्ष में हल्दी की खपत बढ़ गई क्योंकि देश भर के लोगों ने इसे कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए रामबाण माना. केंद्र सरकार ने हल्के या बिना लक्षण वाले रोगियों में कोविड रोकथाम और उपचार के लिए हल्दी वाले दूध, काढ़ा और योग जैसे आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने की सलाह दी. और, 2019-20 से 2020-21 में कच्ची हल्दी की घरेलू मांग में 300 फीसदी का उछाल देखा गया. खपत में इस...

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जब दिशा रवि और नवदीप कौर पत्रकारिता की एक कक्षा में पहुंचीं

-न्यूजक्लिक, हम एक ऑनलाइन क्लासरूम में बैठे हुए थे, जिसमें भारत के अलग-अलग हिस्सों से ताल्लुक रखने वाले करीब़ 20 छात्र मौजूद थे। यहां हम मीडिया में नई अवधारणाओं और तकनीकों के साथ-साथ जीवन की वास्तविकताओं को समझने की कोशिश कर रहे थे। परंपरागत ढंग से पढ़ाने के बजाए बेहतर होता है कि पाठ योजना को हम सवाल-जवाब के विमर्श में बदल लें। मैंने छात्रों से पूछा, "पत्रकारों के लिए टूलकिट...

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बॉलीवुड में किसानों के ऊपर सिनेमा बनाने का जोखिम कौन लेगा?

-जनपथ, भारत की 60-70 फीसदी जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। कहते हैं कि भारत गांवों में बसता है, बावजूद इसके वर्तमान हिंदी फिल्मों में किसानों की कहानी नहीं के बराबर आती है। लंबे समय से इस देश के किसान किसी बिमल रॉय के इंतजार में हैं जो उनकी दो बीघा ज़मीन पर एक फिल्म बना दे। आम तौर से समाज की आर्थिक संरचना में महत्वपूर्ण योगदान रखने...

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एक शताब्दी पहले के मुजारा आंदोलन में अपनी जड़े तलाशता मौजूदा किसान आंदोलन

-कारवां, “मुजारों ने बिस्वेदरी प्रणाली के खिलाफ लड़ाई लड़ी. मौजूदा आंदोलन कारपोरेट पूंजीवाद के खिलाफ है,'' पंजाब के मनसा जिले के बीर खुर्द के किसान किरपाल सिंह बीर ने मुझे बताया. 1920 के दशक में जब पंजाब का बंटवारा नहीं हुआ था, पट्टेदार किसानों ने राजाओं, जमींदारों और ब्रिटिश अधिकारियों से भूमि स्वामित्व अधिकार के लिए आंदोलन किया था. उस आंदोलन को मुजारा आंदोलन के नाम से जाना जाता था. किरपाल...

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अडानी समूह के गोदाम में गेहूं न रखने से हुए नुकसान की कैग रिपोर्ट हटाने को प्रयासरत मोदी सरकार

-द वायर, केंद्र की मोदी सरकार नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की उस रिपोर्ट में संशोधन कराने की कोशिश कर रही है, जिसमें कैग ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को फटकार लगाते हुए कहा था कि हरियाणा के कैथल स्थित अडानी साइलो में स्वीकृत मात्रा में अनाज न रखने के चलते करदाताओं का 6.49 करोड़ रुपये का बेजा खर्च हुआ है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, जिसके अधीन एफसीआई आता...

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