आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन की बात फिर चल रही है. लेकिन, जब कभी इस तरह के आंदोलनों की बात छिड़ती है, तो बरबस लोकनायक जयप्रकाश नारायण का चेहरा व चिंतन हमारे जेहन में आता है. अमूमन जेपी की शख्सीयत को सत्तर के दशक में उनके द्वारा दिये गये संपूर्ण क्रांति के नारे में ही समेटने की कोशिश होती है. सच यह है कि जेपी ने इस देश...
More »SEARCH RESULT
पटना से शुरू होगी जन लोकपाल के लिए लड़ाई
मुंबई: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बुधवार को कहा कि जन लोकपाल और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जनवरी (2013) में पटना से लड़ाई शुरू होगी. उन्होंने कहा, अब हमने फैसला किया है कि देशव्यापी दौरा जनवरी में उस स्थान से शुरू होगा, जहां से जयप्रकाश नारायण ने अपने आंदोलन की शुरुआत की थी. कहा, हजारों युवाओं ने आंदोलन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है और प्रौद्योगिकी नेटवर्क की मदद...
More »हमारे लोकतंत्र का संकट- शिवदयाल
जनसत्ता 16 अक्टुबर, 2012: दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, सवा अरब लोगों का। छह-सात प्रतिशत की दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था। पर इसकी अधिकांश आबादी को अब तक ‘ट्रिकल डाउन’ यानी अमीरों के उपभोग से रिस कर मिलने वाले लाभ का ही आसरा है। छीजते जाते संसाधन, बिगड़ता जाता पर्यावरण, जलावतनी और विस्थापन, एक-दूसरे को काटती और खारिज करती पहचानें, लगभग एक-तिहाई से भी अधिक भूभाग सैन्यबलों के भरोसे, और इतने पर भी धन...
More »लूट की छूट- आशीष खेतान
छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को हो रहा है जिन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह की कृपादृष्टि है. आशीष खेतान की रिपोर्ट. साल 2011 की बात है. दीवाली का मौका था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चर्चित अखबार ‘पत्रिका’ के स्थानीय संपादक गिरिराज शर्मा के पास एक विशेष उपहार पहुंचा. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यालय की तरफ से...
More »विरले होते हैं दयाशंकर जैसे अफसर
भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे दयाशंकर की ऑस्ट्रेलिया में मरने की खबर से एक ऐसे ईमानदार चरित्रबल वाले अधिकारी की याद ताजा हो उठी है, जिसने अपने कर्तव्यपरायणता से यह सिद्ध किया कि ईमानदार अफसर मुश्किल परिस्थितियों का भी कैसे डट कर मुकाबला करते हैं. दयाशंकर ने 80 के दशक में स्मगलिंग की दुनिया में बादशाहत कायम कर चुके अपराधियों को उस खौफ से रू-ब-रू करवाया, जो विरले ही देखने...
More »