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पैदावार में घुलता जहर-- अभिजीत मोहन

यह राहत की बात है कि केंद्र सरकार कीटनाशकों के दुष्प्रभावों पर गंभीरता से विचार करते हुए कीटनाशक प्रबंधन विधेयक को संसद से पारित कराने की दिशा में विचार करने को तैयार है। इस विधेयक को संसद से स्वीकृति मिलना इसलिए भी जरूरी है कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए दिन कीटनाशकों के खतरनाक इस्तेमाल से किसानों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। गौर करें तो विगत...

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स्वायत्तता ही अकेला विकल्प-- हरिवंश चतुर्वेदी

हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्विटर के माध्यम से यह घोषणा की कि पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, 21 राज्य विश्वविद्यालयों, 26 निजी विश्वविद्यालयों और 10 कॉलेजों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्वायत्तता दे दी है। इन 62 संस्थानों को यह स्वायत्तता शैक्षणिक गुणवत्ता के आधार पर दी गई, जिसके लिए उनको नैक, बेंगलुरु द्वारा मिले स्कोर को पैमाना बनाया गया है। अब ये संस्थान अपना...

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जहरीला होता जमीन का पानी-- पंकज चतुर्वेदी

जमीन में पानी का अकूत भंडार है। यह पानी का सर्वसुलभ और स्वच्छ स्रोत है। लेकिन यदि एक बार दूषित हो जाए तो इसका परिष्करण लगभग असंभव होता है। भारत में जनसंख्या बढ़ने के साथ घरेलू इस्तेमाल, खेती और औद्योगिक उपयोग के लिए भूगर्भ जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। जमीन से पानी निकालने की प्रक्रिया ने भूजल को खतरनाक स्तर तक जहरीला बना दिया है। इसके लिए समाज...

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खुशहाली का पैमाना और भारत-- राजू पांडेय

भारत के लोग दुनिया के और देशों के लोगों के मुकाबले कितने खुश हैं, इसका जवाब हमें वैश्विक खुशहाली सूचकांक से मिलता है। जवाब यह है कि दुनिया के एक सौ दस देश हमसे ज्यादा खुशहाल हैं। इतना ही नहीं, खुशी के इस पैमाने पर हम लगातार नीचे आते जा रहे हैं। हाल में वैश्विक खुशहाली सूचकांक से पता चला है कि भारत वर्ष 2014 में एक सौ छप्पन देशों...

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आंकड़ों की हवस के मायने-- डा. गोपाल कृष्ण

गार्जियन और न्यूयॉर्क टाइम्स के मार्च 17 के फेसबुक घोटाले के खुलासे के बाद अमेरिकी कंपनी फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग को पिछले दो दिनों में 58,500 करोड़ रुपये के नुकसान, ब्रिटिश कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्यूनिकेशन लेबोरेटरीज की इकाई कैंब्रिज एनालिटिका की मानवीय आकड़ों की हवस, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्राध्यापक एलेक्जेंडर कोगन की अनैतिकता की पराकाष्ठा और चुनावी लोकतंत्र में किसी भी हद तक जाकर सफलता पाने की लालसा...

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