प्रभात खबर,नयी दिल्ली : बच्चों के प्रति जज्बे को वैश्विक आंदोलन के रूप में बदलने की अपील करते हुए नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने आज कहा कि वह चाहते हैं कि बाल श्रम इतिहास के पन्नों में सिमट जाये. नोबल शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद ओस्लो से आज ही दिल्ली लौटे सत्यार्थी ने बाल श्रम के खिलाफ लंबित कानून को पारित किये जाने की भी वकालत की और कहा...
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निमाड़ को भी चाहिए 'सत्यार्थी' और 'मलाला'
विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव, खरगोन। सुमित। उम्र-14 साल। काम- बस स्टैंड की एक होटल में टेबल पर पोंछा लगाना। दिनेश। उम्र-12 साल। काम- नगर पालिका क्षेत्र में चाय की गुमटी पर ग्लास धोना। सुबह साढ़े 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक इन्हें फुरसत नहीं। उधर रोली शहर के पॉश इलाके में घर-घर जाती है। उम्र-13 साल। यह अपनी मां के साथ झाड़ू-पोंछा, बर्तन साफ करने में हाथ बटाती है। ये तीन...
More »शर्मनाक: नोएडा के सरकारी स्कूलों में बर्तन मांजते हैं बच्चे
पंकज पराशर,बाल अधिकारों पर काम करने के लिए कैलाश सत्यार्थी को मिले नोबेल पुरस्कार से अगर देश का सर गर्व से ऊंचा होता है, तो नोएडा के सरकारी स्कूलों को देखकर वही सर शर्म से झुक जाता है। यहां के तमाम सरकारी स्कूलों में पढ़ने गए बच्चे बर्तन मांजते हैं, झाडू लगाते हैं और मिड डे मील का खाना ढोकर लाते हैं। यह दृश्य तब और डराता है जब हम...
More »रायगढ़ में एचआईवी पीड़ित छात्र को स्कूल से निकाला
रायगढ़ (निप्र)। एचआईवी पीड़ित छात्र को स्कूल से निकाल दिया गया और शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है। एचआईवी पीड़ित छात्र एक होनहार छात्र है और आगे पढ़ाई का इच्छुक भी है। लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा संक्रमण का खतरा होने की बात कहते हुए उसे स्कूल आने से मना कर दिया। अब छात्र घर में रहकर ही पढ़ाई कर रहा है। शहर से लगे एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने...
More »टीचर स्कूल में है या नहीं, एसएमएस सब बता देगा
ग्वालियर। सर, क्लास में पढ़ा रहा हूं। मैं तो स्कूल में ही हूं। अब ऐसी बात सुनकर अधिकारी स्कूल समय में टीचर की सही पोजिशन का पता मिनटों में लगा सकेंगे, क्योंकि जिले के शिक्षकों की मॉनिटरिंग अब स्कूल मॉनिटरिंग सिस्टम (एसएमएस) के जरिए ऑनलाइन होगी। जीपीआरएस की मदद से विभागीय सॉफ्टवेयर में ऐसे टीचर्स की लोकेशन ऑनलाइन दिखेगी। अगर कोई टीचर स्कूल में होने की बात झूठ बोलता है। तब...
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