SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1784

किसान दिवस: किसानों के बच्चे नहीं करना चाहते थे खेती, 48 फीसदी खोज रहे दूसरे विकल्प

अरविंद शुक्ला /स्वाती सुभेदार, गांव कनेक्शन लखनऊ। भारत के लगभग आधे किसान नहीं चाहते कि उनकी आने वाली पीढ़ियां खेती करें। किसानों की बड़ी संख्या रोजगार के नाम पर खेती के अलावा दूसरे विकल्प खोज रहे हैं। देश में 48 फीसदी किसान परिवार नहीं चाहते कि उनकी आने वाली पीढ़ी खेती करे। ये बात गांव कनेक्शन के सर्वे में निकल कर आई है। गांव कनेक्शन सर्वे के इन आंकड़ों पर...

More »

चीनी मिलों के ‘अच्छे दिन’

“गन्ना मूल्य स्थिर रखकर किसान की आय दोगुनी करने के फॉमूले के लिए तो शायद किसी नोबेल अर्थशास्‍त्री को ही तलाशना होगा” साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया था- अच्छे दिन आने वाले हैं। उनकी सरकार बनी भी और अब मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल चल रहा है। इस बीच अच्छे दिन...

More »

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए फसल चक्र बदलने की जरूरत

  हाल के समय में उत्तर भारत और विशेषकर दिल्ली एनसीआर वायु प्रदूषण की चपेट में है। अक्टूबर-नवंबर में हवा की गुणवत्ता न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्टों में इसका बड़ा कारण पराली ( धान फसल के ठंडल) जलाना बताया गया है, और इससे दिल्ली और आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर खासा प्रभाव पड़ रहा है। सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फारकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR-India) की वेबसाइट...

More »

मोदी सरकार की खराब नीतियों और बुरे फैसलों की वजह से किसान बदहाल

भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...

More »

अगर आपको जेएनयू फीस बढ़ोतरी पर छात्रों का विरोध समझ नहीं आ रहा, तो सुनीता की ये कहानी पढ़िए

जेएनयू में फीस बढोतरी को लेकर हुए प्रतिरोध को आईए, सुनीता की कहानी के सहारे समझने की कोशिश करते हैं. पल भर को मान लें कि सुनीता एक आम भारतीय लड़की है. वह एक जिला मुख्यालय से लगते गांव में रहती है. सुनीता के पिता एक आम भारतीय किसान हैं जिनके पास तकरीबन तीन एकड़ की खेती-बाड़ी की जमीन है ( भारत में भू-जोतों का औसत आकार 2.8 एकड़ है)....

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close