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अदूरदर्शी नीतियों से बदहाल किसान - रमेश दुबे

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर पर आयोजित रैली के दौरान एक किसान की खुदकुशी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि खेती-किसानी की बदहाली पर संजीदा होने के बजाय सभी पार्टियां सियासी रोटी सेंकने में जुट गई हैं। जहां 'आप" दिल्ली पुलिस के बहाने केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है, वहीं कुछ भाजपा विरोधी कह रहे हैं कि यदि राजस्थान...

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भारत की विकास दर 2017 तक हो जाएगी 8 फीसदी: वर्ल्‍ड बैंक

वाशिंगटन। वर्ल्‍ड बैंक ने कहा है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 तक 8 फीसदी पर पहुंच सकती है। इसके साथ ही भारत में मजबूत विस्तार तथा कच्‍चे तेल की अनुकूल कीमतों के चलते दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। वर्ल्‍ड बैंक ने अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2015-16 में देश की जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहने...

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कृषि-क्षेत्र में भारत चीन से कोसों पीछे- नई रिपोर्ट

कृषि के क्षेत्र में शोध पर चीन भारत की तुलना में दो गुना से भी ज्यादा खर्च करता है। विश्व स्तर पर खाद्य- सुरक्षा संबंधी नीतियों के बारे में जानकारी देने वाली मशहूर संस्था इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने साल 2009 में कृषि संबंधी शोध पर 109 करोड़ 20 लाख डॉलर खर्च किए जबकि चीन ने साल 2008 में कृषि-शोध...

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2014-15 में 5.465 लाख करोड़ रुपए रहा अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह

नई दिल्‍ली। वित्‍त वर्ष 2014-15 (अप्रैल-मार्च) में अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह अपने संशोधित लक्ष्‍य से 4,000 करोड़ रुपए ज्‍यादा रहा है। मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में मंदी के बावजूद पिछले साल की तुलना में 9.9 फीसदी वृद्धि के साथ वित्‍त वर्ष 2014-15 का अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह 5.465 लाख करोड़ रुपए रहा है। वित्‍त वर्ष 2013-14 में सरकार ने 4.970 लाख करोड़ रुपए का अप्रत्‍यक्ष कर का संग्रह किया था। सरकार ने वित्‍त वर्ष 2014-15...

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ग्रामोद्योग की फिक्र किसे है- अरुण तिवारी

निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न शुल्क और मंजूरियों में छूट से लेकर तकनीकी उन्नयन और इ-बिज पोर्टल जैसी तमाम घोषणाएं बजट में है। मंजूरियों में छूट को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी का संकेत भी कर दिया गया है। कहना न होगा कि वित्तमंत्री ने उद्योगों की तो खूब चिंता की, परग्रामोद्योगों को अब भी प्रतीक्षा है कि कोई आए और अलग से उनकी चिंता...

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