दिल्ली के जिस वसुंधरा इन्कलेव में मैं रहता हूं, वहां 56 हाउसिंग सोसाइटी हैं, और उसके पीछे एक गांव है, दल्लूपुरा. इस गांव में कबाड़ का कारोबार लंबे समय से फलता-फूलता रहा है.अक्सर कबाड़ी कूड़े में प्लास्टिक, रबर और रसायन जलाते हैं, जिससे आसपास के अपार्टमेंट में रहनेवालों का जीना दूभर हो जाता है. पुलिस में इसकी लगातार शिकायत गयी, तब यह कुछ समय के लिए रुका. यह इसलिए नहीं...
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भोपाल गैस त्रासदी : 7700 करोड़ मुआवजे पर पांच साल में एक भी सुनवाई नहीं
भोपाल (नप्र)। गैस कांड को तीन दशक बीत चुके हैं, लेकिन पीड़ितों को उचित मुआवजा और आरोपियों को सजा का आज भी इंतजार है। 7 हजार 700 करोड़ रुपए के मुआवजे की याचिका सुप्रीम कोर्ट में पांच साल से लंबित है। गैस कांड की जिम्मेदार कम्पनी यूका के भारतीय अधिकारियों को सजा दिलाने का मामला भी राजधानी के सेशन कोर्ट में पांच साल से चल रहा है। राज्य सरकार ने फास्ट...
More »क्या यही है पंचायती राज- पीयूष द्विवेदी
कई राज्यों में पंचायत चुनाव चल रहे हैं। कुछ राज्यों में हो चुके हैं तो कुछ में अभी उनकी प्रक्रिया चल रही है। पंचायत चुनाव के इस माहौल में अगर देश के गांवों में जाकर वहां का हाल जानने की कोशिश करें तो हर चौक-चौराहे पर इन चुनावों को लेकर चर्चा मिलेगी। हर सीट को लेकर गुणा-भाग करते ग्रामीण जन मिलेंगे। सीटों के सामान्य या आरक्षित रहने के विषय में...
More »न्यूनतम मजदूरी बढ़ाएगी सरकार
नई दिल्ली। सरकार न्यूनतम मजदूरी बढ़ाएगी और इसे पूरे देश में अनिवार्य बनाएगी। इसका मकसद वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना और नई नौकरियां पैदा करना है। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उद्योग संगठन सीआईआई की ओर से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा, "हम देशभर में न्यूनतम मजदूरी के लिए एक कानून बनाएंगे। मौजूदा कानून के विपरीत...
More »बाल श्रम, सरकार और समाज-- सुशील कुमार सिंह
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) संशोधन विधेयक-2012 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। संभव है कि आने वाले शीत सत्र में इसे संसद के समक्ष पेश किया जाएगा। यह बदलाव 1986 के कानून को न केवल परिमार्जित करने से संबंधित है, बल्कि चौदह से अठारह वर्ष की उम्र के किशोरों के काम को लेकर नई परिभाषा भी गढ़ी जा रही है।...
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