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अपने ही समझौते से भाग निकला अमेरिका-- चंद्रभूषण

जब डोनाल्ड ट्रंप पेरिस समझौते से बाहर निकलने के अपने फैसले का एलान कर रहे थे, तो वह असल में, अपनी उन्हीं जलवायु-विरोधी नीतियों को मूर्त रूप दे रहे थे, जिन्हें अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से वह प्रोत्साहित करते रहे हैं। इस वर्ष मार्च में ही उन्होंने जीवाश्म ईंधन के समर्थन में एक आदेश जारी किया था। यह आदेश न सिर्फ कोयला खनन को बढ़ावा देता है,...

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स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला

दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...

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माओवादियों ने 20 साल में 12,000 लोगों को उतारा मौत के घाट

नयी दिल्ली : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा के दौरान कहा कि माओवादियों ने बीते 20 बरसों के दौरान देश के करीब 12,000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. उन्होंने कहा कि वामपंथी कट्टरपंथ से लड़ने का बुनियादी नियम यही है कि उनकी वित्तीय संसाधनों तक की पहुंच को रोक दिया जाये. समीक्षा में केंद्रीय गृहमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि...

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कैसे थमे नक्सली कहर-- प्रमोद भार्गव

छत्तीसगढ़ में माओवादी नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर एक बार फिर हमला किया। इसमें छब्बीस जवान शहीद हो गए। इस बार नक्सलियों ने हमले का नया तरीका अपनाया। करीब तीन सौ की संख्या में आए नक्सली काली वर्दी पहने हुए थे। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को ढाल बना कर गोलियां दागीं। इसी साल 11 मार्च को भी सुकमा में नक्सली हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के बारह जवान हताहत...

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परंपरागत तरीकों से सूखे की समस्या को मात देते लोग - पंकज चतुर्वेदी

अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...

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