SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 396

नक्सलियों को फिर की बातचीत की पेशकश

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में माओवादियों द्वारा किए गए एक और नरसंहार के बाद गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि यदि नक्सली सिर्फ 72 घंटे के लिए हिंसा त्याग देते हैं तो उनसे बातचीत की जा सकती है। चिदंबरम ने सीएनएन-आईबीएन से कहा कि माओवादियों को कहना चाहिए कि वे हिंसा त्याग दें। वे खून-खराबा छोड़ दें और 72 घंटे के लिए वास्तविक रूप से हिंसा रोकें। तब हम मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएंगे। हम जवाब...

More »

आयोग ने खाप पंचायतों की आलोचना की

नई दिल्ली। 'खाप पंचायतों' या स्वयंभू जातीय परिषदों को कड़ी फटकार लगाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उन्हें परंपरा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि समान गौत्र में विवाह को प्रतिबंधित करने का मुद्दा व्यापक बहस का विषय है। आयोग ने कहा कि उसने इन मीडिया रिपोर्टो का संज्ञान लिया है, जिसमें कथित रूप से हरियाणा में खाप पंचायतें समान गौत्र में विवाह करने वाले हिंदू...

More »

खाप पंचायतों का बढ़ता खौफ- सुभाष गताडे

नई दिल्ली [सुभाष गाताडे]। इंडियन नेशनल लोक दल के प्रधान ओम प्रकाश चौटाला और काग्रेस के युवा सासद नवीन जिंदल में क्या समानता ढूंढ़ी जा सकती है? अगर राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को देखें या उम्र का फासला देखें तो कुछ भी एक जैसा नहीं है। अलबत्ता खाप पंचायतों को लेकर दिए अपने ताजे बयान के बाद दोनों एक ही तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पिछले कुछ समय से खाप पंचायतों की तरफ से एक मुहिम...

More »

यह शर्मनाक सौदा लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक है!- पी साईनाथ

हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टियों और उम्मीदवारों के द्वारा अपने प्रचार के लिए मीडिया में धन का जम कर इस्तेमाल हुआ। अपने किसी भी चुनावी कवरेज के लिए एक उम्मीदवार को धन के इस संगठित खेल का हिस्सा होना पड़ा या कहें तो जबरन मजबूरी में इसका हिस्सा होना पड़ा। क्योंकि ऐसी धन संस्कृति का मीडिया में इस्तेमाल होने लगा है कि पैसा नहीं तो कवरेज भी नहीं। मीडियाई दुनिया...

More »

किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा

   कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close