-कारवां, हाल ही में 31 अक्टूबर और 12 नवंबर के बीच ग्लासगो में संपन्न हुई जलवायु परिवर्तन की 26वीं अंतर्राष्ट्रीय वार्ता में भारत सहित कई विकासशील देशों ने जलवायु न्याय का मुद्दा उठाया. इन देशों की मांग वाजिब है क्योंकि बैंगलुरु के राष्ट्रीय प्रगत अध्ययन संस्थान की डॉक्टर तेजल कानिटकर के अनुसार, विश्व के सबसे धनी देश 1990 में अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन के समझौतों पर चर्चा शुरू होने तक जलवायु परिवर्तन...
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एक व्यक्ति के स्वास्थ्य पर हर रोज महज 4.8 रुपए खर्च करती है सरकार
-न्यूजलॉन्ड्री, देश में सरकार हर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर रोज करीब 4.8 रुपए खर्च करती है. यह जानकारी नेशनल हेल्थ अकाउंट (एनएचए) द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है. 2017-18 के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार सरकार ने इस दौरान प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर करीब 1,753 रुपए खर्च किए हैं, जबकि 2013-14 में यह राशि करीब 1,042 रुपए थी, देखा जाए तो पिछले चार वर्षों में 711 रुपए की बढ़ोतरी हुई...
More »इस साल दुनिया भर में रिकॉर्ड संख्या में पत्रकारों को जेल में डाला गया या हत्या हुई: रिपोर्ट
-द वायर, कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक एक दिसंबर 2021 तक दुनिया भर में 293 पत्रकार अपने काम के लिए विभिन्न देशों की जेलों में बंद थे. यह लगातार छठा साल है जब 250 से अधिक पत्रकारों के जेल में बंद रहे हैं. समिति की रिपोर्ट, जिसे इसके संपादकीय निदेशक अर्लीन गेट्ज़ ने लिखा है, में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस दौरान कम से कम...
More »चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: आरबीआई
-न्यूजक्लिक, मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 5.3 प्रतिशत रह सकती है। यह केंद्रीय बैंक के पूर्व अनुमान के अनुरूप है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में नरम पड़कर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का अनुमान पूर्व के अनुमान के लगभग अनुरूप है।...
More »बिहार: आजादी के 74 साल के बाद भी पंचायत चुनाव में राशन का मुद्दा
-गांव कनेक्शन, बिहार के सहरसा जिले के बीरगांव पंचायत के वार्ड नंबर-4 के डोम टोली में लगभग 75 परिवार रहते हैं, जिसमें 30-35 परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं। इसमें सभी लोग डोम यानी महादलित समुदाय से आते हैं। बिहार में राशन कार्ड के मामले में पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीरगांव पंचायत के वार्ड नम्बर-4 में खड़े हुए 7 वार्ड मेंबर सदस्यों में...
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