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मुखिया की कोशिश से बालश्रम का उन्मूलन

हजारीबाग जिले के कटकमदाग पंचायत का चयन झारखंड की 75 बाल हितैषी अगुवा पंचायत में हुआ है. उन्हें हाल ही में झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर की ओर से इस संबंध में पत्र मिला है. उन्हें इससे संबंधित प्रशिक्षण के लिए रांची भी बुलाया गया है. लेकिन इस पंचायत की मुखिया प्रियंका कुमारी इस योजना के तहत अपनी पंचायत का चयन किये जाने के पहले से ही बच्चों के लिए...

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अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस: खत्म हो सकेगी बाल मजदूरी?

नौ वर्ष की 'मिली' (बदला हुआ नाम) को भी दूसरे बच्चों की ही तरह रोज सुबह जल्दी उठना पड़ता है, और जल्दी-जल्दी तैयार होना पड़ता है। हालांकि अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह वह स्कूल जाने के लिए तैयार नहीं होती, बल्कि काम पर जाने के लिए तैयार होती है। मिली एक घर में खुद से आधी उम्र की एक अन्य बच्ची की देखभाल का काम करती है। जिस उम्र में अधिकांश बच्चे...

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कर्ज की फसल से आत्महत्या के आंकड़ों तक- अजय शर्मा

यह 26 फ़रवरी 2009 की बात है, तब अमरजीत कौर की बेटियां 10 और 11 साल की थीं, बेटा गोद में था. हम संगरूर में मूनक इलाक़े के गांव चोटियां में अमरजीत कौर के घर पर थे. अंदाना ब्लॉक का वही गांव जहां अकेले इसी साल आठ किसानों और खेत मज़दूरों ने क़र्ज़ के चलते ख़ुदकुशी की है. पिछले 20 साल में ख़ुदकुशी का यह आंकड़ा 63 तक चला गया है. इनमें से...

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21वीं सदी में गांव की उम्मीद की डोर

रांची जिले के बुढ़मू में मनरेगा की एक योजना के तहत कुआं निर्माण का कार्य करती युवतियां इस बात का प्रमाण हैं कि 21वीं सदी में गांव को ऐसे कानून व कार्यक्रम मिले हैं, जिनसे उनका पलायन रुके व उन्हें घर पर ही रोजी-रोटी मिले. इस तरह के और भी कई कार्यक्रम व कानून हैं, जिससे गांवों की सूरत पिछली सदी की तुलना में काफी बदल गयी है. हालांकि इनके...

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घोषणापत्रों में नजरंदाज होते किसान

चुनाव अभियान पूरे देश में जोर-शोर से जारी है, लेकिन इसमें न किसान कहीं दिख रहा है और न किसान की चिंता। जहां भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि और उससे जुड़े उद्योगों पर निर्भर है, वहां उस तबके की उपेक्षा हैरान करने वाली है। यह भी खबर आ रही है कि इस बार प्रमुख पार्टियों का ध्यान उन 250 सीटों पर ही है, जिनके बारे में माना जा...

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