केन्द्र सरकार ने किसानों के लिये फसल बीमा की नई स्कीम घोषित की है। अनुमान है कि धरती का तापमान बढ़ने के कारण सुनामी, बाढ़, तूफान तथा सूखे जैसे मौसम में उपद्रव बढ़ेंगे। तदनुसार किसानों की समस्यायें बढ़ेंगी। फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने अथवा खेती से पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा। अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है। हालांकि, कागजी उलझनों के कारण इसके...
More »SEARCH RESULT
असमानता की बढ़ती खाई का खतरा--
दुनिया में गरीबी और अन्याय दूर करने के लिए काम करनेवाली संस्था आॅक्सफैम ने क्रेडिट स्विस के आंकड़ों के आधार पर बढ़ती असमानता की जो भयावह तस्वीर खींची है, उसने नवउदारवादी नीतियों की उपयोगिता पर फिर से बहस तेज कर दी है. इस तस्वीर से जहां नवउदारवाद के आलोचक अपनी बात को सही होते हुए पा रहे हैं कि मौजूदा आर्थिक प्रक्रिया के माध्यम से अमीर और अमीर होंगे व...
More »विकास के किफायती मॉडल की ओर - जयंत सिन्हा
सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत प्रगति की मशाल थामने और दुनिया के विकास में मुख्य भागीदार बनने को तैयार है। अगले दशक में सकल आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत लगभग चीन जितनी और अमेरिका से लगभग दोगुनी भागीदारी करने वाला है। भारतीयों के लिए भारत में तैयार उत्पाद और सेवाओं का उपयोग पूरी विकासशील दुनिया में किया जाने वाला है। इसलिए भारत का किफायती विकास मॉडल न सिर्फ मात्रात्मक...
More »'नेट न्यूट्रैलिटी' है जरूरी, इंटरनेट पर क्यों हो किसी का एकाधिकार?
भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...
More »खुशहाली का संदेशा लेकर भूमध्य सागर से चल पड़ी है पवन- कुमार मुकेश
खेतों में बिजाई की गई विभिन्न फसलों के लिए कम तापमान और बारिश का इंतजार कर रहे किसानों की चिंताओं को अब भूमध्य सागर से उठकर ईरान और इराक से होते हुए आने वाली हवाएं कम कर देंगी। सबकुछ ठीक रहा तो 4 जनवरी से हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार भूमध्य सागर से उठने वाली हवाओं के बाद...
More »