कमजोर सेवा और कम उत्पादकता के कारण आम आदमी ही नहीं, निवेशक भी हमारी नौकरशाही की व्यवस्था को लेकर अच्छी राय नहीं रखते। फिर भी, इस सच्चाई को अनदेखा कर दिया जाता है कि सरकारी कर्मचारी, खासतौर से ऊंचे दर्जे के कर्मी, निजी क्षेत्र के कर्मियों के मुकाबले कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं। मसलन, 25 साल का अनुभव रखने वाले सरकारी डॉक्टर को औसतन 2.1 से 2.8...
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शहरीकरण से दूर होगी गरीबी?-- अनुपम त्रिवेदी
पिछले महीने पुणे में स्मार्ट सिटी परियोजना का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहरीकरण को समस्या नहीं, बल्कि गरीबी दूर करने का एक अवसर माना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि किसी में गरीबी कम करने की क्षमता है, तो वह हमारे शहर हैं, क्योंकि वहां काम के अवसर हैं. यही वजह है कि गरीब गांवों से निकल कर शहरों में जाते हैं. लेकिन, क्या यह सच...
More »सामाजिक न्याय का अधूरा सपना-- प्रमोद मीणा
नौवें दशक के बाद से भारतीय राजनीति में दलित दलों और दलित नेताओं की स्वतंत्र पहचान बनी है और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी का सीधा मौका भी मिला है। पर अब इस प्रश्न पर विचार करने की जरूरत है कि इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य को हम किस तरह देख सकते हैं। क्या इसे स्वातंत्र्योत्तर भारत में लोकतंत्र की एक महान उपलब्धि के रूप में...
More »मुझे बताएं, कैसे कम है महंगाई - रघुराम राजन
मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने आलोचकों को आड़े हाथों लिया है। उन्हें चुनौती देते हुए पूछा कि वे बताएं कि महंगाई कम कैसे है। राजन बोले कि यह आरोप कि सिर्फ महंगाई को काबू में लाने पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है न कि आर्थिक विकास दर पर, इस तरह की आलोचना बेकार है। राजन पर ग्रोथ की बजाय महंगाई पर ज्यादा फोकस करने का...
More »मध्यप्रदेश में 3 साल के अंदर 25 फीसदी मंहगी होगी बिजली
बलवीर सिंह, ग्वालियर। बिजली की चोरी व तकनीकी हानि रोकने में नाकाम बिजली कंपनियां अब बिजली की दरें बढ़ाकर नुकसान की भरपाई करेंगी। इसके लिए सरकार अगले तीन साल में दरें 25 फीसदी तक बढ़ाने जा रही है। इससे जनता पर 55 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा। हर घर को 24 घंटे बिजली देने की केंद्र की योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने इस आशय के...
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