-लल्लनटॉप, आज का वैश्विक संकट तिहरा है. कोविड महामारी, गहन व्यापक आर्थिक मंदी और मानव अस्तित्व को खतरे में डालने वाला पर्यावरण परिवर्तन. इन सबके अलावा, ऐसी परिस्थिति में राह दिखाने वाले राजनीतिक और नैतिक नेतृत्व का दुनियाभर में अभाव है. इसलिए उत्तर तो कहीं और ही ढूंढ़ना पड़ेगा! महात्मा गांधी के सामने यह चुनौती खड़ी होती, तो उन्होंने क्या किया होता? इसका जवाब कहां खोजा जाए? यह तो वे खुद...
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‘पोस्ट कोरोना वर्ल्ड’ की मार्च-अप्रैल कालीन परिकल्पनाओं का जुलाई आते-आते शीराज़ा बिखरने लगा है
-लोकवाणी, बीते मार्च महीने में, जब कोरोना संकट दुनिया के लगभग तमाम देशों को अपनी चपेट में ले चुका था, एक बहस चलनी शुरू हुई थी कि ‘पोस्ट कोविड-19 वर्ल्ड’ का स्वरूप कैसा होगा। हालांकि, अब जब…जुलाई आधा बीतते दुनिया के कई देशों में संकट इतना गहरा चुका है कि भविष्य की रूपरेखा धुंधली लगने लगी है, वर्त्तमान से जूझने में ही इतनी ऊर्जा का व्यय हो रहा है कि आम लोग...
More »शुभ संकेत नहीं है कोरोना के 10 लाख मामले और लॉकडाउन की वापसी
-न्यूजक्लिक, देश में कोरोना संक्रमण को लेकर लड़ाई एक कठिन दौर में पहुंच गई है। राज्य सरकारों के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या बृहस्पतिवार को दस लाख के पार चली गयी, वहीं संक्रमण से अब तक 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर में संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से भारत का स्थान अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरा...
More »कोरोना वायरस संकट अभी बद से बदतर होने वाला है : डब्ल्यूएचओ
-सत्याग्रह, दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामलों का आंकड़ा एक करोड़ 30 लाख के पार होने के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक बार फिर चेताया है. संस्था ने कहा है कि अगर बुनियादी बातों का पालन नहीं किया गया तो यह संकट बद से बदतर होता जाएगा. खबरों के मुताबिक डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ टेड्रॉस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहा कि कई देशों में कोरोना वायरस से उपजी महामारी कोविड-19...
More »सड़कों से समुद्रों तक पहुंच रहा है हर साल 140,000 टन माइक्रोप्लास्टिक: रिपोर्ट
-डाउन टू अर्थ, हर साल सड़क पर दौड़ रहे वाहनों से उत्सर्जित होने वाला करीब 140,000 टन माइक्रोप्लास्टिक्स हवा के जरिए समुद्रों तक पहुंच जाता है। जोकि इकोसिस्टम और मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। यह जानकारी कल (14 जुलाई 2020) प्रकाशित एक नए शोध से सामने आई है। जोकि अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है। इस शोध में यह जानने की कोशिश की गई है कि किस...
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