-द प्रिंट, सरकार की आर्थिक रणनीति में बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी क्षेत्र पर भरोसा जताया है. बुधवार को सरकार ने दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए एक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की, जिसमें 13 सेक्टर शामिल हैं और माना जा रहा है कि इससे वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र भारत की ओरआकर्षित हो सकेगा. यह विशेष रूप से आयात पर उच्च निर्भरता वाले श्रम-प्रधान क्षेत्रों में घरेलू...
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किसानों के जैसी चुनौती इतिहास में भाजपा को किसी ने नहीं दी है
-द वायर, गठजोड़ की कहानी दो हिस्सों में है. पहला हिस्सा काफी पहले लिखा जा चुका था जब अंडमान में कई सालों की कैद के बाद विनायक दामोदर सावरकर को रिहा कर दिया गया. कैद के पहले वे क्रांतिकारी हुआ करते थे. रिहाई के बाद वे ब्रिटिश हुकूमत के सहयोगी बन गए जैसा कि उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों से रहम की भीख मांगती हुई अपनी कई सारी अर्जियों में वादा किया था जो उन्होंने जेल से लिखी थी. जेल से...
More »अर्थव्यवस्था में एतिहासिक गिरावट लेकिन कृषि में 3.4 फीसदी बढ़ोतरी, फिर भी किसान सड़क पर
-रूरल वॉइस, चालू वित्त वर्ष (2020-21) में देश के आर्थिक मोर्चे पर इतिहास बन रहा है। आजादी के बाद पहली बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.7 फीसदी की सबसे अधिक गिरावट आई है। जो अभी तक की पांच बार की गिरावट में सबसे अधिक है। अर्थव्यवस्था में गिरावट के इन मौकों में पहली बार कृषि क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है। आजादी के बाद अभी तक पांच...
More »कौन हैं वे किसान संगठन जो कृषि क़ानूनों पर मोदी सरकार को दे रहे हैं समर्थन?
-न्यूजलॉन्ड्री, 30 दिसंबर को केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बात होनी थी. ठीक उसके दो दिन पहले 28 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ‘फार्मर्स विथ मोदी’ हैशटैग के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, ‘लखनऊ उत्तर प्रदेश के ‘‘राष्ट्रीय युवा वाहिनी’’ से प्राप्त नए कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्राप्त पत्र.’ यह पत्र 'राष्ट्रीय युवा वाहिनी' के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष हरीश गौतम द्वारा लिखा गया...
More »नए राज्य/दो दशक: तीन राज्यों की वृहत्त विकास यात्रा
-आउटलुक, “विकास के तर्क पर बने उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ बने परिवर्तन के साक्षी” उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ ये तीनों राज्य सन 2000 में एक साथ बने। इनके बनने के पीछे तर्क था कि ये तीनों ही राज्य क्रमशः उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के हिस्से थे। जिसके कारण इन क्षेत्रों का विकास नहीं हो पा रहा था। इनके लिए राजधानियां हाइकोर्ट तथा अन्य राज्य स्तरीय कार्यालय काफी दूर थे।...
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