एनआरसी को अभी तक सिर्फ़ कम्युनल और संवैधानिक दृष्टि से ही देखा गया है। एनआरसी पूंजीवादी के कितना काम आ सकता है, किस तरह काम आ सकता है इस पर भी एक नज़र डाल लेना चाहिए। क्योकि पूंजीवादी जब फासीवाद को अपना हथियार बना लेता है तो दमन और क्रूरता के सारे पुराने मापदंड टूट जाते हैं।इसे समझना हो तोलोकल इंटेलिंजेंस यूनिट के हवाले से लिखी गई अमर उजाला की...
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क्यों झारखंड के आदिवासी किसानों को अपना खेत और घर खोने का डर सता रहा है?
झारखंड के चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड में आने वाले तिलहेट पंचायत के एकतारा गांव के रहने वाले प्रमोद दास कहते हैं कि उनकी आठ एकड़ जमीन पर वन विभाग ने एक साल पहले ही वन भूमि बताकर खेती करने पर रोक लगा दी है. यही चिंता तिलहेट पंचायत के एकतारा गांव के हरिशचंद्र, राजकुमार दास, आनंदी दास की भी है जिनकी क्रमशः दो एकड़, पांच एकड़ व तीन एकड़ भूमि...
More »राजस्थान के आदिवासी भील किसी भी दल की प्राथमिकता में क्यों नहीं हैं
चित्तौड़गढ़: खाट पर पड़े ढेरों फटे कपड़े, कुछ बर्तन, बुझा चूल्हा, पीपे में थोड़े से सूखे आटे के साथ रखी कुछ रोटी और लोहे के संदूक के अलावा इस खपरैल ओढे ‘घर' में कुछ नहीं है. चूल्हे के पास ही तीन महीने पहले एक बेटी को जन्म देने वाली गोपी भील (40) दर्द से कराह रही हैं क्योंकि उनका प्रसव घर पर ही हुआ और उसके बाद उनकी देखभाल एक जच्चा...
More »क्यों सरकारी योजनाओं के बावजूद झारखंड की आदिम जनजातियों को खाने की किल्लत से दो-चार होना पड़ता है- विवेक कुमार
झारखंड के लातेहार ज़िले के मनिका प्रखंड के सेवधरा गांव के अमरेश परहैया अपने परिवार के साथ में विभिन्न मूलभूत सुविधाओं से दूर अपना जीवन बिता रहे है. परिवार की आय का मुख्य स्रोत अकुशल मज़दूरी है. इनके पास खेती योग्य भूमि नही हैं. अमरेश को मुश्किल से एक महीने में 8 से 10 दिन ही 150 रुपये/प्रतिदिन की मज़दूरी दर पर काम मिल पाता है. अनाज की कमी और आर्थिक...
More ».....ताकि चुनाव-चर्चा के बीच आप भुखमरी से हो रही मौतों को ना भूल जायें !
झारखंड में बीते 30 दिनों में कम से कम दो जन भुखमरी के कारण मौत की चपेट में आये हैं. भोजन का अधिकार अभियान ने यह जानकारी एक तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट के आधार पर दी है. रिपोर्ट में राज्य के दुमका जिले में जामा प्रखंड के महुआटांड गांव के कलेश्वर सोरेन और देवघर जिले में मार्गोमंडा प्रखंड के मोती यादव की मौत के पीछे भुखमरी को एक कारण के...
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