डाउन टू अर्थ, 13 जुलाई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेन्स फंड (यूनिसेफ) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की ग्रामीण आबादी का कम से कम एक-छठा हिस्सा अब भी खुले में शौच करता है और एक-चौथाई के पास स्वच्छता की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है। 2 अक्टूबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया था। महात्मा गांधी की...
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भारत में अंडे की कमी के चलते, कीट और पतंगे प्रोटीन और पोषण के लिए संभावित समाधान हो सकते हैं?
मोंगाबे हिंदी, 07 जुलाई भारत ने इस साल 17 जनवरी को जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे लेकर हम असमंजस में हैं कि इस पर हम जश्न मनाएं या चिंतित हों। संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या विभाजन द्वारा किए गए अनुमानों के अनुसार, भारत का चीन से आगे निकल जाना साल 2025 तक होने की उम्मीद थी, लेकिन भारत की जनसंख्या वृद्धि अनुमानों...
More »बिहार: किशनगंज पर जलवायु परिवर्तन की मार, खेतों में ही जल जा रही हैं फसलें
जनचौक, 3 जुलाई नीति आयोग 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, किशनगंज बिहार का सबसे गरीब जिला है। जिसकी 64.75 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। उसके बाद कटिहार का नंबर आता है। वहीं जलवायु परिवर्तन से संबंधित ‘क्लाइमेट वल्नरेबिलिटी असेसमेंट फॉर एडाप्टेशन प्लानिंग इन इंडिया यूजिंग ए कॉमन फ्रेमवर्क’ के अनुसार भारत में जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक खतरा जिन 50 जिलों में हैं। उनमें से चौदह बिहार में...
More »बदलती जलवायु की वजह से खतरे में हिमालय की करिश्माई जलपक्षी आइबिस बिल की आबादी
मोंगाबे हिंदी, 23 जून समुद्रतल से बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में एक ऐसी पक्षी का घर है जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। ये घर चट्टानों के गोल पत्थरों के बीच छिपे होते हैं। यह पक्षी सदियों से प्रकृति प्रेमी और पक्षी विशेषज्ञों को आकर्षित करते आया है। इसे हम आइबिस बिल (Ibidorhyncha struthersii) के नाम से पहचानते हैं, जो अपनी करिश्माई प्रकृति और दुर्लभता के कारण ‘हिमालय के आश्चर्यजनक...
More »बदलती जलवायु की वजह से खतरे में हिमालय की करिश्माई जलपक्षी आइबिस बिल की आबादी
मोंगाबे हिंदी, 22 जून समुद्रतल से बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में एक ऐसी पक्षी का घर है जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। ये घर चट्टानों के गोल पत्थरों के बीच छिपे होते हैं। यह पक्षी सदियों से प्रकृति प्रेमी और पक्षी विशेषज्ञों को आकर्षित करते आया है। इसे हम आइबिस बिल (Ibidorhyncha struthersii) के नाम से पहचानते हैं, जो अपनी करिश्माई प्रकृति और दुर्लभता के कारण ‘हिमालय के आश्चर्यजनक...
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