डाउन टू अर्थ, 25 अगस्त दक्षिणी पश्चिमी मानसून के कमजोर होने के चलते केरल के सभी 14 जिलों में सूखे जैसी स्थितियां पैदा हो गई हैं। खासतौर से इडुक्की और वायनाड जैसे पहाड़ी जिले भी सूखे जैसी स्थितियों की मार झेल रहे हैं। दक्षिणी पश्चिमी मानसून अपने आखिरी चरण में जा रहा है इसके बावजूद वायनाड में सूखे जैसी स्थितियां विभिन्न तरह के चावल उगाने वाले किसानों के लिए चिंताजनक हो...
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दालों के बढ़ते दाम के बीच पढ़िए भारत में दलहन फसलों की उपेक्षा की पूरी कहानी
किसान तक , 17 अगस्त इसमें कोई शक नहीं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक है. लेकिन, इसमें भी कोई शक नहीं है कि हम बड़े दाल आयातक भी हैं. सवाल यह है कि ऐसा विरोधाभास क्यों? जवाब यह है कि बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए दलहन फसलों की जितनी खेती होनी चाहिए थी, उस गति से रफ्तार नहीं बढ़ी. आजादी के बाद से ही...
More »बढ़ते जलवायु संबंधी खतरों के साथ, अनुकूलन के लिए तैयार होते किसान
मोंगाबे हिंदी, 20 जुलाई फरवरी के अंत में, भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR), गेहूं के लिए एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान, ने भारत में किसानों को तापमान में अचानक वृद्धि के मामले में गेहूं की फसलों पर पोटेशियम क्लोराइड का छिड़काव करने की सलाह देते हुए एक सलाह जारी की। यह देश के कुछ गेहूं उगाने वाले क्षेत्रों में सामान्य से 10 डिग्री अधिक तापमान के कारण होने वाली गर्मी...
More »उत्तर भारत भले पानी में डूबा हो लेकिन बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है झारखंड
जनचौक, 13 जुलाई हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली भले ही पानी में डूबे हुए हैं लेकिन देश का एक राज्य झारखंड बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। जुलाई का दूसरा सप्ताह गुजरने वाला है, हिन्दी तारीख से यह सावन का दूसरा सप्ताह है। लेकिन झारखंड में मॉनसून के आगमन के बावजूद बारिश नहीं हो रही है। जिसके कारण जहां एक तरफ खरीफ फसल की खेती के लिए किसान परेशान...
More »जून में कम बारिश से पिछड़ी खरीफ फसलों की बुवाई
इंडियास्पेंड, 12 जुलाई इस मौसम को खेती के लिए सबसे सही माना जाता है। लेकिन नासिक के उतराने गांव के सुनील पगार अभी तक अपनी 10 एकड़ जमीन पर बुआई भी शुरू नहीं कर पाये हैं । वह मक्का बोने की योजना बना रहे हैं। लेकिन दक्षिण-पश्चिम मानसून में देरी की वजह से उनके गांव में 3 जुलाई तक अच्छी बारिश नहीं हुई। वे अब बाजश्रा बोने की सोच रहे हैं...
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