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लॉकडाउन : गेहूं किसानों के हितों को देखते हुए सरकार ने खाद्यन्न के पैकेजिंग नियमों में दी ढील

-आउटलुक, कोरोना वायरस के कारण देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण जूट मिलें बंद है जबकि गेहूं की फसल की कटाई जोरों पर है इसलिए केंद्र सरकार ने खाद्यान्न पैकजिंग के पैकेजिंग नियमों में ढील देते हुए किसानों को गेहूं की पैकेजिंग के लिए पॉलिमर सामग्री से बने बोरों के इस्तेमाल की अनुमति दी है। कपड़ा मंत्रालय के अनुसार इस कदम का मकसद गेहूं किसानों के हितों की रक्षा करना...

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राहत पैकेज के हकदार किसान भी

-आउटलुक, “किसानों को राहत पैकेज की दरकार है। मध्य वर्ग के लिए ईएमआइ में छूट दी जा सकती है तो किसान तो उससे ज्यादा के हकदार हैं” देश और दुनिया कोरोनावायरस के संक्रमण से फैलने वाली कोविड-19 महामारी का सामना कर रही है। यह महामारी ऐसे समय फैली है जब देश का किसान खेतों में तैयार रबी की फसल की कटाई के लिए इंतजार कर रहा है। अनुमान है कि इस साल...

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कोरोना वायरस: मोदी सरकार की घोषणाएं ऊंट के मुंह में ज़ीरे समान

-बीबीसी, 26 मार्च को केंद्र सरकार ने एक ऐसे वित्तीय पैकेज का एलान किया, जो 21 दिनों लंबे लॉकडाउन के दौरान बिगड़ने वाली आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित हो. इस देशव्यापी लॉकडाउन का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही किया था. लेकिन, सरकार द्वारा घोषित ये वित्तीय मदद, हालात को देखते हुए, उम्मीद से बहुत ही कम और अपर्याप्त है. ये उन लोगों की मदद करने में...

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पीएम-किसान योजना की किस्त अप्रैल में देना एक सामान्य प्रक्रिया

-आउटलुक, कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन के समय में केंद्र सरकार किसानों की मदद का दावा कर रही है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 8.69 लाख किसानों को 2,000 रुपये की किस्त अप्रैल में देगी, इसमें नया क्या है? पीएम-किसान योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को सालाना 6,000 रुपये तीन समान किस्तों में 2,000-2,000 रुपये का आवंटन करती है तथा इन किस्तों का आंवटन सरकार...

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कोरोना लॉकडाउन से प्रभावित असंगठित क्षेत्र को सरकार क्या भूल गई है?

-बीबीसी, वित्त मंत्रालय में जारी लगातार बैठकों और विचार-विमर्श के बाद मध्यम वर्ग और कॉर्पोरेट जगत को कोरोना से निपटने के लिए एक के बाद दूसरी राहतों का एलान हुआ. इसके बाद भारत के 50 से अधिक समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों और राजनीतिज्ञों ने केंद्र और राज्य सरकारों को ख़त लिखकर लगभग 40 करोड़ से अधिक दिहाड़ीदारों, खेतिहर मज़दूरों, छोटे किसानों, वृद्धा पेंशन भोगियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहनेवालों विशेष वित्तीय मदद दिए जाने की...

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