सर्वोच्च न्यायालय ने जंगलों में रहने वाले ऐसे आदिवासियों और वनवासियों को निकालने के लिए कहा है, जिनका वनभूमि पर दावा नहीं बनता। जाहिर है, इस आदेश के बाद झारखंड और बिहार समेत तमाम राज्यों के जंगलों में रहने वाले आदिवासियों और वनवासियों के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हो गया है। जंगल को ही अपना सब कुछ मानने वाले ये आदिवासी वहां से बेदखल होने के बाद कहां जाएंगे? अगर हम...
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सवर्ण गरीबों की खिल्ली-- मिलिन्द मुरुगकर
नरेंद्र मोदी सरकार ने सवर्ण गरीबों को आर्थिक मापदंड पर आधारित आरक्षण देने का निर्णय किया है. इस मापदंड के अनुसार आठ लाख रुपये प्रति वर्ष, अर्थात 66,600 रुपये प्रतिमाह से कम आय पाने वाले लोग अब आर्थिक मापदंड से पिछड़े माने जाएंगे. इसका सीधा मतलब यह है कि मोदी सरकार ने वास्तविक दृष्टि से गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया ही नहीं है, बल्कि चुनाव जीतने के लिए उनकी आंखों में...
More »मोदी का आरक्षण दांव और विपक्ष -- शशिशेखर
गरीब सवर्णों को आरक्षण से कितनों का भला होगा, इस सवाल पर सार्थक बहस की जगह हर ओर शोर बरपा है कि इससे दिल्ली दरबार पर काबिज भाजपा का कितना फायदा होगा? क्या इस दांव से सरकार ने विपक्ष के हमलों की धार कुंद कर दी है? चुनावी साल में ऐसे सवाल उठने लाजिमी हैं। इस चर्चा की एक और बड़ी वजह यह है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के...
More »‘आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं, नया विधेयक संविधान का उल्लंघन है’
नई दिल्ली: भारत सरकार के पूर्व सचिव पीएस कृष्णन सामाजिक न्याय के कई ऐतिहासिक कानूनों को लागू करने के पीछे महत्वपूर्ण लोगों में से एक थे. मोदी सरकार द्वारा नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने को लेकर उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान का उल्लंघन है और ये न्यायिक जांच का सामना नहीं कर सकता है. द वायर से बात करते हुए, कृष्णन ने कहा...
More »पहले भी हो चुका है गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण का प्रयास, लेकिन विफल रहा
स्वतंत्रता के बाद संविधान निर्माताओं ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था की। साथ ही शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को भी आरक्षण का लाभ दिया गया। संविधान में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक आधार पर आरक्षण के प्रयास पहले भी किए गए, लेकिन वे विफल होते रहे हैं। जानिए- पहले विफल रहे...
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