बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...
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पानी की वजह से पलायन के लिए मजबूर राजस्थान के ग्रामीण
धौलपुर: राजस्थान के पूर्वी जिले धौलपुर के डांग क्षेत्र में आने वाली गौलारी, बीलौनी और डौमई ग्राम पंचायतों में इन दिनों पीने के पानी की भयंकर समस्या बनी हुई है. ग्रामीण अपने मवेशी और परिवार के साथ नदी किनारों पर पलायन कर गए हैं. कई गांवों में महिलाएं अपना आधा समय सिर्फ पानी लाने के लिए बिता रही हैं. पलायन की स्थिति इतनी विकराल है कि गौलारी ग्राम पंचायत में चंदरपुरा...
More »महिलाओं के साथ यौन हिंसा रुकनी चाहिए-- डेनिस मुकवेगे
वह 1960 का दशक था। अफ्रीकी देश कांगो भीषण हिंसा के दौर से गुजर रहा था। हाल में ही वह आजाद हुआ था। इसके बाद मुल्क में तबाही का लंबा दौर चला। जातीय संघर्ष में वहां एक लाख से ज्यादा लोग मारे गए। हजारों परिवार बेघर हुए। सबसे ज्यादा कहर महिलाओं और बच्चों पर टूटा। डेनिस मुकवेगे तब पांच साल के थे। नौ भाई-बहनों में वह तीसरे नंबर पर थे।...
More »मजदूरों के संघर्ष ने बोए उम्मीद के बीज-- बाबा मायाराम
पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार के छोटे-बड़े कई घोटाले सामने आए हैं। यह एक बड़ी बीमारी की तरह फैल गया है। वैसे तो हर तरह का भ्रष्टाचार समाज व देश के लिए नुकसानदेह है पर गरीबों पर इसका हमला उनसे रोजी-रोटी छीन लेता है। व्यक्तिगत रूप से वे इस भ्रष्टाचार को रोकने में असहाय महसूस करते थे पर सामूहिक रूप से उसे रोकने में कामयाब हो गए। इसका अच्छा...
More »झारखंड : गुमला के खटगांव में सन्नाटा, ढाई महीने से भागे-भागे फिर रहे ग्रामीण
रांची/गुमला : कभी एकता की मिसाल कहा जानेवाला गुमला जिले के पालकोट थाना क्षेत्र का गांव खटगांव पर जैसे किसी की नजर लग गयी है. एक समय गांव में खुशहाली थी. आज वीरानी छायी है. दो घटनाओं ने गांव पर ग्रहण लगा दिया है. स्थिति यह है कि पिछले ढाई माह से गांव में सिर्फ बुजुर्ग और बच्चे ही हैं. लोग पुलिस के डर से छिपते फिर रहे हैं....
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