-आउटलुक, “कोरोना संकट के दौर में सरकार को वाकई किसानों की फिक्र है तो वह फौरन कुछ जरूरी कदम उठाए” कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। हर व्यक्ति भविष्य को लेकर डरा हुआ है पर एक बात से पूरा देश निश्चिंत है कि हमारे पास खाने के लिए भरपूर अनाज है। दो महीने पहले ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ और अब समय गेहूं, सरसों आदि काटकर भंडारण का...
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चाय की कीमतों में गिरावट, निर्यात भी ठप, कारोबारी बोले- आने वाला समय चाय उद्योग के लिए ठीक नहीं
-गांव कनेक्शन, दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस की वजह से भारतीय चाय की कीमतों में भारी गिरवाट आयी है और निर्यात लगभग ठप हो चुका है। कम कीमत और बढ़ती लागत से जूझ रहे देश के चाय बागान मालिकों के सामने एक और मुश्किल आ खड़ी हुई है। ईरान, चीन और जर्मनी भारतीय चाय के बड़े खरीदार देश हैं। इनमें से चीन और ईरान ने अपने देश में चाय आयात को...
More »मजदूरों के पक्ष में एप्पल कंपनी के खिलाफ अमरीकी कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला
13 फ़रवरी 2020 को अमरीका में कैलिफ़ोर्निया की अदालत ने फैसला दिया है कि एप्पल कंपनी को उस समय की मजदूरी का भी भुगतान करना होगा जो समय वो कर्मचारियों के बैग और फ़ोन आदि की तलाशी में लगता है. कर्मचारी जब काम से छुट्टी करते हैं तो एप्पल कंपनी अपने हितों की सुरक्षा के लिए उनके फ़ोन और बैग आदि की तलाशी लेती है और इस कार्यवाही में कर्मचारियों...
More »देश में नया श्रम कानून लागू, मगर मजदूरों के हाथ खाली
"नये श्रम कानून में सरकार अगर देश में मजदूरों की 178 रुपए कम से कम मजदूरी तय कर रही है, तो सीमेंट की बोरी ढोने वाले हम जैसे मजदूरों को दिन भर काम के बाद 250 रुपए मजदूरी मिलती है, अब आप बताइये इतनी महंगाई में 250 रुपए दिहाड़ी पर घर चलता है क्या?, तो 178 रुपए पर क्या कहेंगे," यह कहना है मजदूर दल्ला मीना का, जो राजस्थान के...
More »जलवायु परिवर्तन के नाम पर हो रहा कार्रवाई का ढकोसला
एक और कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टी (कॉप 25) खत्म हो गया। इस बार इसका आयोजन मैड्रिड में हुआ। इस साल इस बात पर आम सहमति बनी कि जलवायु परिवर्तन सच है। आप ये सोच रहे होंगे कि अब जलवायु परिवर्तन को लेकर कोई टालमटोल नहीं होगा। मगर सच तो ये है कि मैड्रिड में गतिरोध पैदा करने का खेल खेला गया या यों कहें कि ऐसे रास्ते तैयार किए गए जिनमें...
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