-जनपथ, भारत दैट इज़ इंडिया में हमें जिसकी दुर्गति करनी होती है हम उसको मां कह देते हैं. गंगा मां की मिसाल तो आपको पता है ही. अपन दूसरा काम यह करते हैं कि उसको सजाने-धजाने में, चूनर चढ़ाने में या फिर आरती करने में लग जाते हैं. गंगा की आरती तो दशाश्वमेध पर होती ही थी, अब तो सुना कानपुर के गंधाते घाटों पर भी होती है. एक और फैशन...
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इतने खतरे के बाद भी भारत चीनी टेलिकॉम कंपनियों पर यूरोप जैसी कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहा है?
-सत्याग्रह, केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए दो ऐसे फैसले लिए जिसने चीन को चिंतित कर दिया है. पहले सरकार ने दूरसंचार और ऊर्जा क्षेत्र में चीन के कई उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया. कहा जा रहा है कि इन उपकरणों पर ‘स्पाईवेयर’ या ‘मालवेयर’ की चिंता के चलते रोक लगाई गई है. इसके बाद सरकार ने टेलिकॉम सेक्टर के लिए ‘नेशनल...
More »देश में पोषण के हालात बदतर फिर भी पोषण से जुड़ी अहम कमेटियों ने नहीं की मीटिंग!
-न्यूजक्लिक, पोषण से जुड़ी भारत सरकार की तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्तर की कमेटियां हैं। इन तीनों कमेटियों की जिम्मेदारी इतनी बड़ी है कि अगर यह काम न करें तो इसका मतलब है कि देशभर में पोषण की देखभाल करने वाला कोई माई बाप नहीं है। यह कमेटियां देशभर में पोषण से जुड़ी नीतियां बनाती हैं। इन नीतियों को लागू करने का काम करती हैं। राज्य से लेकर केंद्र शासित प्रदेश में...
More »यूपी में गन्ना किसानों को न दाम का पता, न भुगतान का
-रूरल वॉइस, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के गन्ना किसानों के लिए नये कीर्तिमान बनाने के दावे कर रही है। राज्य की 120 चीनी मिलों को चालू सीजन (अक्तूबर,2020 से सितंबर, 2021) के लिए पेराई शुरू किये हुए दो माह से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन उत्तर प्रदेश के करीब 40 लाख गन्ना किसानों को अभी तक न तो यह पता है कि इस सीजन में उन्हें...
More »मिलावटी शहद ने मधुमक्खी पालकों की कमर तोड़ी
-डाउन टू अर्थ, “पिछले बीस-पच्चीस सालों से हम मधुमक्खी पालन का काम कर रहे हैं, लेकिन अब हमारी कमर टूट रही है। क्योंकि न तो सरकार और न ही कंपनियां, हमें इस काम में सहयोग कर रही हैं। वे बस हमारा शोषण कर रही हैं और हम इतने नीचे पायदान पर खड़े हैं कि उनका कुछ बिगाड़ भी नहीं सकते। यही कारण है कि हम सब अब थक-हार कर इस काम...
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