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अमानवीय हालात में जी रहे कैदी-- संगीता भटनागर

देश की जेलों की दयनीय स्थिति, इनमें बंद विचाराधीन कैदी तथा दोषियों की बढ़ती संख्या एक बार फिर न्यायिक समीक्षा के दायरे में आ गयी है। देश की 1387 जेलों में उनकी क्षमता से कहीं अधिक बंदी हैं और इस वजह से इनमें विचाराधीन कैदियों और दोषी कैदियों को काफी हद तक अमानवीय परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है। एक बार फिर देश की शीर्ष अदालत ने इस ओर ध्यान देते...

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कड़े कानून के साथ सुधार पर हो जोर - क्षमा शर्मा

जिस वक्त जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन की बहस राज्यसभा में चल रही थी, उस समय निर्भया के माता-पिता भी दर्शक दीर्घा में बैठे थे। राज्यसभा में यह बिल छह महीने से लटका था, लेकिन जैसे ही इस किशोर अपराधी के छूटने की खबरें आने लगीं, मीडिया, गैरसरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों के लोग इस किशोर के सुधारगृह से बाहर आने, न आने पर बहस करने लगे। बहस का मूल...

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पहले विकास का पहिया चलाइए- तवलीन सिंह

पिछले कुछ महीनों से ऐसा लगने लगा है जैसे हर हफ्ते किसी न किसी बहाने किसी न किसी मंत्री या मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने की मांग गूंज उठती है विपक्ष से। सो, पिछले हफ्ते बारी आई वित्तमंत्री की आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से और प्रधानमंत्री को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्विटर के जरिए पागल, खतरनाक अपराधी कहा। अंगरेजी का शब्द ‘साइकोपैथ' का अनुवाद यही होता है। राज्यसभा के...

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जहां हम सब असहाय हैं-- रंजना कुमारी

हमारे देश में जिस तरह का कानून है, उसमें निर्भया के गुनहगार को बाहर आना ही था। ‘जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट' के तहत अपराधी को तीन साल ही बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है। मगर यहां इस बात पर जरूर गौर किया जाना चाहिए कि पिछले तीन वर्षों में इस अपराधी की मानसिकता में सुधार क्यों नहीं हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह साफ-साफ पूछा कि...

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जेलों पर बढ़ते बोझ के मायने-- पंकज चतुर्वेदी

इरफान फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस से दिल्ली आया था, वापसी में उसमें बम फटा और उसका पूरा सामना जल गया। पुलिस ने उसे अस्पताल से उठाया व बगैर पासपोर्ट के भारत में रहने के आरोप में अदालत में खड़ा कर दिया। उसे चार साल की सजा हुई। तब से वह जेल में है यानी आठ साल से। वहां मिली यातना व तनहाई से वह पागल हो गया। पाकिस्तान में...

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