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असम में बाढ़ से 8 लाख से अधिक लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या बढ़कर छह हुई

गुवाहाटीः असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. राज्य के 33 में से 21 जिले ब्रह्मपुत्र नदी एवं उसकी सहायक नदियों में आई बाढ़ से प्रभावित हैं. मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल राज्य में बाढ़ से 1,556 गांवों के 8.69 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की...

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असम: बाढ़ से हालात गंभीर, 500 से ज़्यादा गांव प्रभावित, चार की मौत

गुवाहाटी/शिलॉन्ग/इटानगर: असम में वर्षा और बाढ़ जनित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गयी और 11 जिलों में दो लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.   भारी बारिश के बाद असम में ब्रह्मपुत्र समेत कई नदियां उफान पर है. राज्य आपदा प्रबधंन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, दरांग, बारपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, गोलाघाट, माजुली, जोरहाट और डिब्रूगढ़ जिले के करीब 530 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.   इलाके में 2,07,100...

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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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सीपीसीबी की रिपोर्ट में खुलासा, 39 में से सिर्फ एक जगह पर साफ है गंगा का पानी

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने अपने ताजा अध्ययन में पाया है कि जिन 39 स्थानों से होकर गंगा नदी गुजरती है उनमें से सिर्फ एक स्थान पर इस साल मानसून के बाद गंगा का पानी साफ था. ‘गंगा नदी जैविक जल गुणवत्ता आकलन (2017-18)' की रिपोर्ट के अनुसार गंगा बहाव वाले 41 स्थानों में से करीब 37 पर इस वर्ष मानसून से पहले जल प्रदूषण मध्यम से...

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प्राथमिकता नहीं है पर्यावरण-- ज्ञानेन्द्र रावत

पर्यावरण क्षरण का प्रश्न आज समूचे विश्व के लिए गंभीर चिंता का विषय है. कई रिपोर्टों, वैज्ञानिक अध्ययनों और शोधों ने रेखांकित किया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उपजे खराब मौसम से प्रलयंकारी घटनाएं बढ़ेंगी. तेजी से बढ़ते तापमान के चलते गर्मी में लोगों की मौत का सिलसिला बढ़ेगा. ग्लेशियरों का पिघलना तेज होगा, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ेगा. ऐसे में बाढ़ की विभीषिका का सामना करना आसान नहीं...

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