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इस महामारी ने भारत को 'अनिश्चितता की स्थिति' में डाल दिया है

-न्यूजक्लिक, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि राज्य के कुछ तटीय क्षेत्रों में सामुदायिक संक्रमण (community transmission) शुरू हो गया है। संक्षेप में, पिनाराई ने वही बात कह दी है,जिसे अखिल भारतीय स्तर पर 'बेहद गुप्त' रूप से छुपाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने एक ऐसे संवेदनशील मुद्दे को खुलकर सामने रख दिया है, जिसे दूसरे मुख्यमंत्री स्वीकार करने से बच रहे हैं। मगर,...

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आत्मनिर्भरता के अर्थ और अनर्थ

-डाउन टू अर्थ, महात्मा गांधी ने भारत के नीति निर्माताओं और सुधारकों को जंतर देते हुए कहा था कि - "... जो सबसे कमजोर और गरीब आदमी तुमनें देखा हो, उसे याद करो और अपने दिल से पूछो कि जो कदम उठाने का तुम विचार कर रहे हो, वह उस आदमी के लिए कितना उपयोगी होगा। क्या उसे कुछ लाभ पहुंचेगा ? क्या उससे वह अपने जीवन और भाग्य पर कुछ...

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कोरोना: लॉकडाउन में मनरेगा योजना बन गई है मज़दूरों की लाइफ़लाइन

-बीबीसी,  छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी रोज़गार गारंटी योजना में पूरे देश में सबसे अधिक मज़दूरों को काम देने का दावा किया है. भारत सरकार के शनिवार तक के आंकड़ों के अनुसार ई-मस्टर रोल में दर्ज संभावित कार्यशील मज़दूरों की संख्या छत्तीसगढ़ में 23,26,252 है. मज़दूरों की यह संख्या पूरे देश में सबसे अधिक है. इसके अलावा पिछले 9 दिनों में ही छत्तीसगढ़ ने 1 करोड़ 89 लाख मानव दिवस का रिकार्ड...

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कभी घर-घर सर्वे, कभी थोड़ी जासूसी, कभी ढोलक की थाप: कौन हैं ये गुमनाम "कोरोना वॉरियर्स", महामारी से लड़ती हुई ये दस लाख की पैदल सेना ?

-गांव कनेक्शन,  खबर पक्की थी। फोन गुपचुप आया था, "दीदी हमारे पड़ोस में बंबई से आये हैं।" उत्तर प्रदेश के अटेसुआ गाँव में शहर से वापस आये मजदूरों को कायदे से 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना था, लेकिन ग्राम प्रधान ने उनके तुरंत आने पर ऐसा नहीं करवाया था। गाँव की आशा कार्यकर्ता कुसुम सिंह (48) को पता था कि अगर प्रधान पर उन्होंने सीधे ऊँगली उठाई तो उनका विरोध...

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देश में नया श्रम कानून लागू, मगर मजदूरों के हाथ खाली

"नये श्रम कानून में सरकार अगर देश में मजदूरों की 178 रुपए कम से कम मजदूरी तय कर रही है, तो सीमेंट की बोरी ढोने वाले हम जैसे मजदूरों को दिन भर काम के बाद 250 रुपए मजदूरी मिलती है, अब आप बताइये इतनी महंगाई में 250 रुपए दिहाड़ी पर घर चलता है क्या?, तो 178 रुपए पर क्या कहेंगे," यह कहना है मजदूर दल्ला मीना का, जो राजस्थान के...

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