इस बात को आप शायद हाज़मोला खाकर भी हज़म न कर सकें कि 17वीं लोकसभा के चुनावों से जुड़ी गहमागहमी के उतार पर पहुंच जाने के बावजूद देश में 100 से ज़्यादा मतदाताओं वाला एक ऐसा भी गांव है, जिसके किसी भी मतदाता ने कभी किसी चुनाव में मतदान नहीं किया. यहां आप यह अनुमान लगाएंगे कि इस गांव के मतदाता चुनावों का बहिष्कार करते रहे होंगे तो ग़लती करेंगे और...
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ऐसा कर्ज तो किसान को डुबोएगा ही-- सोमपाल शास्त्री
शुक्रवार को अपनी मांगों के साथ देश भर के किसान एक बार फिर दिल्ली की सड़कें नापते रहे। बीते कुछ महीनों में यह तीसरा मौका था, जब वे अपनी खेती-किसानी छोड़कर अपने हक के लिए देश की राजधानी में थे। कर्ज माफी और फसलों के उचित दाम के अलावा उनकी एक प्रमुख मांग किसानों के मसले पर संसद का विशेष सत्र बुलाना भी है। इसके लिए उन्होंने देश की सबसे...
More ».....ताकि चुनाव-चर्चा के बीच आप भुखमरी से हो रही मौतों को ना भूल जायें !
झारखंड में बीते 30 दिनों में कम से कम दो जन भुखमरी के कारण मौत की चपेट में आये हैं. भोजन का अधिकार अभियान ने यह जानकारी एक तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट के आधार पर दी है. रिपोर्ट में राज्य के दुमका जिले में जामा प्रखंड के महुआटांड गांव के कलेश्वर सोरेन और देवघर जिले में मार्गोमंडा प्रखंड के मोती यादव की मौत के पीछे भुखमरी को एक कारण के...
More »45 परिवारों की जिंदगी झोपड़ी में, 55 वर्षों में न अनाज मिला
रामगढ़ शहर से 15 किलोमीटर दूर कुजू-घाटो मुख्य सड़क से उतरने पर बमुश्किल 200 मीटर दूर कुंदरिया बस्ती का मल्हार टोला़ इस टोले तक जाने के लिए पथरीली संकरी सड़क, जंगल के बीच एक ऊंचे टीले पर प्लास्टिक से बनी दर्जनों झोपड़िया़ं जंगल की सूखी झाड़ियों की घेराबंदी कर बांस-बल्ली में प्लास्टिक लगा कर लाेगाें ने 40 से 50 झोपड़ी बना लिये़ ये कोई खानाबदोश नहीं, बल्कि अपने झारखंड...
More »नहीं थम रहा सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला
शुभम भटनागर, देवभोग। गरियाबंद जिले की यह सीट कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त है। इस बार सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से हो रही मौत का सिलसिला, नेशनल हाइवे का अधूरा निर्माण व बिजली चुनावी समर में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की टीम सुपेबेड़ा में इलाज के लिए डटी हुई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। गांवों में खेतों को पानी नहीं मिल रहा...
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