मुजफ्फरपुर [जागरण टीम]। उत्तर बिहार में बाढ़ हर साल भूख और कुपोषण की पीड़ा लेकर आती है, लोग दाने-दाने को मोहताज हो जाते हैं, इस बार भी यही तमाशा दिखने वाला है। मधुबनी व दरभंगा के कोसी पीड़ित इस बार भी पानी के 'फल-फूल' यानी भेंठ, सारूख, कमलगोट्टा के साथ मछली, केकड़ा, कछुआ, घोंघा और सितुआ को ही आग में भूनकर खाने को विवश होंगे। तीन माह तक अन्न के दाने से वंचित रहने...
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कागजों में पक रहे पोषाहार के दाने
जोधपुर. राज्य सरकार ने भले ही गर्मी की छुट्टियों में ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत पोषाहार खिलाने का आदेश कर दिया हो, लेकिन हकीकत में बच्चे पोषाहार खाने आ ही नहीं रहे हैं, जबकि शिक्षक कागजों में विद्यार्थियों की 50 से 80 फीसदी उपस्थिति बताकर स्कूलों में खाना बना रहे हैं। अकाल की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को सभी सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश...
More »साढ़े चार हजार स्कूलों में बच्चे बजाते हैं घंटी!
सीकर. राज्य की साढ़े चार हजार स्कूलों में बच्चे घंटी बजाने और सफाई का कार्य कर रहे हैं। यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि प्रदेश की चार हजार 529 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में सहायक कर्मचारी का पद स्वीकृत नहीं है। इसी वजह से, सरकारी स्कूलों में घंटी बजाने, स्कूल की सफाई व वजनी सामान उठाने का कार्य बच्चों से कराया जाता है। हालांकि कई स्कूलों में यह कार्य स्कूल विकास समिति के फंड से कर्मचारी...
More »भुखमरी और कुपोषण के हालात बयान करते दो और रिपोर्ट
दो जून भर पेट भोजन ना जुटा पाने वालों की तादाद दुनिया में इस साल एक अरब २० लाख तक पहुंच गई है और ऐसा हुआ है विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट(२००७-०८) के साथ-साथ साल २००७-०८ में व्यापे आहार और ईंधन के विश्वव्यापी संकट के मिले जुले प्रभावों के कारण। यह खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र संघ की इकाई फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट ने । द...
More »कई जगह रसोइए पढ़ा रहे हैं
उदयपुर : खैरवाड़ा तहसील में कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जहां पोषाहार बनाने वाला रसोइयां बच्चों को पढ़ा रहा है। संस्थाप्रधानों का कहना है कि स्टाफ नहीं होने से ये हालात पैदा हो रहे हैं। बीकानेर : मोमासर स्कूल सुबह सात बजे लगी और नौ बजे छुट्टी हो गई। पूछने पर पता चला कि स्कूल में मास्टरजी ही नहीं है तो पढ़ाएगा कौन। यह रोज की बात है। यहां केवल तीन...
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