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क्या गिद्धों की संख्या बढ़ाने में मददगार साबित होगा गोरखपुर का गिद्ध केंद्र?

डाउन टू अर्थ, 11 अगस्त उत्तर प्रदेश के गोरखपुर वन प्रभाग के भारीवैसी में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है। यह राज गिद्ध (लाल सिर वाले गिद्धों) के संरक्षण एवं प्रजनन के लिए स्थापित दुनिया का पहला केन्द्र होगा। केन्द्र के लिए बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी और प्रदेश सरकार के बीच 15 वर्ष का समझौता हुआ है। योजना के लिए...

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दास्तां जन औषधि केंद्र की; शुरुआत, चुनौतियां और भविष्य!

जन स्वास्थ्य' का विषय राज्य सूची के अंतर्गत आता है. लेकिन भारत में लोक कल्याणकारी सरकार की अवधारणा है. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा भी जन स्वास्थ्य को वरीयता दी जाती है. नतीजन सन् 2008 में "जन औषधि केंद्र" को शुरू किया जाता है. जहां सस्ते दामों पर सामान्य दवाइयां मिल सकें. 7 मार्च, 2022  को जन औषधि दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम होता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जन औषधि...

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कैसे साफ हो गंगा : पांच साल में सिर्फ एक बार बैठी गंगा परिषद, पीएम मोदी की अध्यक्षता में हर साल होनी थी बैठक

डाउन टूअर्थ, 27 जुलाई  गंगा में 60 फीसदी सीवेज की निकासी जारी है वह भी तब जब राष्ट्रीय नदी के बिगड़े रंग-रूप को बदलने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का बजट बनाया गया था। स्थिति यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद के गठन को करीब छह वर्ष बीतने वाले हैं और अभी तक सिर्फ एक बार ही बैठक की जा सकी है।...

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घुमंतू समाज से सरकारी विश्वासघात के 70 साल

कारवां, 22 जुलाई  2019 के बजट में केंद्र सरकार ने घुमंतू समाज के लिए एक नया आयोग और राज्यों में घुमंतू बोर्ड बनाने की घोषणा की और नीति आयोग के मातहत घुमंतू समुदायों के उत्थान हेतु एक पद सृजित कर उसका अध्यक्ष भीखूराम इदाते को बना दिया. लेकिन आज तक ना नीति आयोग ने कुछ किया और ना इदाते ने. हिंदुस्तान में घुमंतू समुदायों की आबादी लगभग 10 फीसदी है यानी 13...

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रूस-यूक्रेन संघर्ष: तेल के बढ़ते दाम और रुपये की गिरावट के बीच सरकार के पास क्या उपाय हैं?

-द वायर, नरेंद्र मोदी सरकार की एक आलोचना यह कहकर की जाती है कि इसके पास राज्य चुनावों के बीच शासन करने का बिल्कुल समय नहीं होता है. पिछले कुछ दिनों में जब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई और रुपया कमजोर होकर 77 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया, उस समय सरकार के आधा दर्जन मंत्री दिल्ली की जगह वाराणसी...

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