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आर्टिकल 19: लड़ते-खपते किसान पर क्यों चुप हैं अपने-अपने मोहल्लों के भगवान?

-जनपथ, ऑस्ट्रेलिया में भारत के एक मुकाबले के बाद कप्तान विराट कोहली ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहे होते हैं। दर्शक दीर्घा में बैठी एक महिला जोर से चिल्लाती है- “विराट कोहली तुम कहां हो? किसान एकता जिंदाबाद.. भारतीय किसानों का समर्थन करो.. वर्ना तुम टॉयलेट पेपर से ज्यादा कुछ नहीं..।” इस टिप्पणी को सुनने के बाद किसी की भी अंतरात्मा जाग उठेगी। वह महिला भारतीय मूल की एक सामान्य महिला थी,...

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सरकार को एहसास हो रहा है कि केन-बेतवा जोड़ना एक गलत कदम है, लेकिन अब पीछे नहीं हटा जा सकता

-द प्रिंट, पर्यावरण मंत्रालय के एक एक्सपर्ट ग्रुप ने केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले एक अहम बांध को पर्यावरणीय मंजूरी देने से मना कर दिया. यह बांध मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के डिंडौनी में बनाया जाना प्रस्तावित था. इस मनाही का तात्कालिक और तकनीकी कारण यह है कि पर्यावरणीय मंजूरी के लिए उपयोग किए जाने वाला डाटा डेढ़ साल से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए और इसलिए...

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खत्म होने के कगार पर है 15वीं शताब्दी में विकसित एक प्राचीन और वैज्ञानिक व्यवस्था

-डाउन टू अर्थ, पश्चिमी राजस्थान के पारंपरिक जल प्रबंधों की गुण-गाथा तब तक पूरी नहीं होगी जब तक हम खड़ीनों की चर्चा न कर लें। यह बहुत पुरानी और वैज्ञानिक व्यवस्था है। शुष्क क्षेत्र के वैज्ञानिकों का मानना है कि इनकी आज भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। खड़ीन या धोरा की तकनीक 15वीं सदी में जैसलमेर के पालीवाल ब्राह्मणों ने विकसित की थी। दरबार उन्हें जमीन देते थे और...

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बेगूसराय के इस विकलांगों के गांव के लिए बिहार चुनाव में क्या है?

-न्यूजलॉन्ड्री, उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हुए जब हम मुहीदा परवीन से मिलने पहुंचे तो वह अपनी चाची के घर पर महिलाओं के साथ बीड़ी बना रही थीं. 30 वर्षीय परवीन दोनों पैरों से विकलांग हैं. माथे पर दुप्पटा डाले और नजरों को बीड़ी की तरफ गड़ाए हुए परवीन कहती हैं, ‘‘कहीं बाहर जा नहीं सकती. एक ही जगह जिंदगी गुजर रही है. मुझे देखने वाला कोई भी नहीं है. इससे बड़ा...

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मेड़बंदी तकनीक से भूजल स्तर में सुधार

-वाटर पोर्टल,  देश के कई इलाकों में गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत भूजल का सबसे अधिक उपयोग करने वाला देश है, अमेरिका और चीन जैसे देश भी भारत से कम भूजल का उपयोग करते हैं। भारत में प्रति व्यक्ति पानी की खपत भी अन्य देशों के मुकाबले भी अधिक है देश की राजधानी दिल्ली में ही पानी की प्रति दिन खपत 272 लीटर प्रति व्यक्ति है। अगर इसी तरह से भूजल का दोहन होता रहा और हमने...

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