उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास ही किसी गांव में जन्मे उमाकांत उमराव ने मध्य प्रदेश के देवास में जिलाधीश के पद पर लगभग डेढ़ साल की एक छोटी सी अवधि में यहां की पारंपरिक तालाब संस्कृति को अपने बूते जिंदा कर दिखाया जिसकी वजह से यहां के बच्चे-बूढ़े, औरतें सभी उनके दीवाने हो गए और उन्हें श्रद्धा से भरकर जलाधीश (जल देवता) कहकर पुकारने लगे। मालवा क्षेत्र के सबसे सूखे...
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एक मुट्ठी चावल से बनी एक करोड़ की पूंजी- मो. इमरान खान
मो. इमरान खान, नारायणपुर। जिले के किसानों ने घर-घर से एक-एक मुट्ठी चावल जुटाकर आठ साल में करीब एक करोड़ रुपए की पूंजी बना ली है। इस रकम से वे न केवल खेती और पशुपालन के लिए कर्ज लेते हैं बल्कि समिति से बाहर के किसानों को भी कर्ज देते हैं। यह मुहिम 2006 से शुरू हुई। शुरू में हर परिवार की महिला रसोई से रोजाना एक मुट्ठी चावल समिति के...
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मो. इमरान खान, नारायणपुर। जिले के किसानों ने घर-घर से एक-एक मुट्ठी चावल जुटाकर आठ साल में करीब एक करोड़ रुपए की पूंजी बना ली है। इस रकम से वे न केवल खेती और पशुपालन के लिए कर्ज लेते हैं बल्कि समिति से बाहर के किसानों को भी कर्ज देते हैं। यह मुहिम 2006 से शुरू हुई। शुरू में हर परिवार की महिला रसोई से रोजाना एक मुट्ठी चावल समिति के...
More »नयी सरकार सहारा नहीं, साथी बने
अमर पिछले 42 सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के प्रति हमेशा कार्य करते रहे हैं. पहली बार सन् 1972 में इन्होंने इस क्षेत्र में बेहतरी के लिए कदम रखा और तब से लगातार गांव-पंचायतों के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं. पूर्वी चंपारण के निवासी आमर को लालबहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी, मसूरी द्वारा भूमि सुधार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए मोमेंटो और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया...
More »जहर की खेती कब तक
मानव स्वास्थ्य : कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से खाने-पीने के सामान हुए जहरीले यूरोप में भारतीय आम पर प्रतिबन्ध ने नीति निर्घारकों को सोचने का एक और मौका दिया है। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के दुष्प्रभावों के खिलाफ पत्रिका लम्बे समय से मुहिम चलाता रहा है। अनेक शोध और अध्ययन बताते रहे हैं कि खाने-पीने की चीजों में जहर फैलता जा रहा है। सरकार से लेकर आम उपभोक्ता तक सभी को...
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