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बिहार में दलितों के गांव भूप नगर में फ्लोराइड युक्त पानी से विकलांग होते लोग

-कारवां, देश की राजधानी दिल्ली जाने वाला नेशनल हाइवे-2 और बिहार के गया जिला के आमस प्रखंड मुख्यालय से दक्षिण की दिशा में महज पांच किलोमीटर की दूरी पर दलितों का भूप नगर गांव, जहां मुख्य रूप से मांझी और भोक्ता समाज के लोग रहते हैं, विकास की पहुंच से कोसो दूर दिखाई देता है. 22 वर्ष पूर्व यहां के लोगों को पता लगा कि समूचा गांव एक त्रासदी की चपेट में है,...

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उत्तराखंड सरकार ने पनबिजली परियोजनाओं द्वारा कम पानी छोड़ने की वकालत की थी

-द वायर, उत्तराखंड के चमोली जिले में बर्फ फिसलने से अचानक आई भीषण बाढ़ और इसके चलते व्यापक स्तर पर हुए नुकसान ने साल 2013 के केदारनाथ आपदा के घावों को हरा कर दिया है. केंद्र एवं राज्य सरकार के ऊपर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने पिछली आपदाओं से सबक नहीं लिया और बेहद संवेदनशील हिमालयी क्षेत्रों में बेतरतीब ‘तथाकथित’ विकास कार्य जारी है, जिसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना...

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एक लड़ाई मुहब्बत की: यलगार परिषद 2021 में अरुंधति रॉय

-जनपथ, मैं 2021 यलगार परिषद के आयोजकों का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने मुझे आज के दिन इस मंच पर बोलने के लिए बुलाया. आज जो रोहित वेमुला की 32वीं सालगिरह रहा होता, और जो 1818 में भीमा कोरेगांव की लड़ाई में जीत का दिन है. वह जगह यहां से दूर नहीं है, जहां ब्रिटिश आर्मी में लड़ने वाले महार फौजियों ने पेशवा राजा बाजीराव द्वितीय को हराया था, जिनकी...

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भारत में महिलाओं के घरेलू कामकाज का मेहनताना अगर होता तो कितना?

-बीबीसी, हाल में ही एक फ़िल्म स्टार की लॉन्च की गई राजनीतिक पार्टी ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो घर-गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को वेतन दिया जाएगा. एक क़द्दावर सांसद ने भी इस आइडिया का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को उनकी सेवाओं के लिए पैसे देने से उनकी ताक़त और स्वायत्तता बढ़ेगी और इससे एक यूनिवर्सल बेसिक इनकम पैदा...

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कब मिलेगी प्रवासी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा?

-न्यूजक्लिक, वैसे तो अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत प्रवासी मजदूरों के कल्याण के संरक्षण को लेकर कई कानून मौजूद हैं, लेकिन वे शायद ही कभी अमल में लाये जाते हैं। एक आदिवासी प्रवासी महिला की मौत ने जो कि भिवंडी के नजदीक धान के खेतों में काम करती थी, की मौत ने प्रवासी मजदूरों की सामजिक सुरक्षा की जरूरत को एक बार फिर से रेखांकित किया है। चालीस वर्षीया चन्द्राबाई थालेकर, जिनके तीन...

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