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स्कूलों में असुरक्षित बच्चे-- अरविन्द कुमार सिंह

यह दिल दहला देने वाला कृत्य है कि जयपुर में एक शिक्षक ने दस साल में तकरीबन दो सौ से अधिक बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाया। शिक्षक पर यह भी आरोप है कि वह पीड़ित बच्चों को ब्लैकमेल कर उनसे पैसा भी वसूलता था। स्कूल प्रबंधन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। जहां उसकी जिम्मेदारी आरोपी शिक्षक के कृत्यों की जानकारी पुलिस को देना था, उसने...

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मासूमों के बचपन को बचाने के लिए-- सुभाष गाताडे

पिछले दिनों दिल्ली राज्य विधि सेवा प्राधिकरण ने न्यायालय को बताया कि महानगर की विभिन्न अदालतों में बच्चों से अत्याचार और उनके यौन शोषण के 4,000 से अधिक मामले लंबित पड़े हैं। उच्च न्यायालय में एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि वर्ष 2016 के शुरुआती सात महीनों में सिर्फ 449 मामलों का निपटारा हुआ और 83 लोगों पर दोष साबित हुए। याचिका डालने वाले ‘बचपन...

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बंधुआ मजदूरी व यौन शोषण के चलते महिलाओं की तस्करी बढ़ी

केस एकः शादी का झांसा सिंगरौली में 19 वर्षीय युवती को पड़ोसी सुनीता ने कोलकाता में शादी कराने और उसकी चार बहनों व एक भाई को साथ रखने का झांसा दिया। शादी के लिए जिस युवक का परिचय कराया, वह 11 सितंबर को सिंगरौली पहुंचा और लड़की को उसके बहन-भाई सहित एक होटल ले गया। समय रहते लड़की को शक हुआ तो वह पुलिस के पास पहुंची। पुलिस की कार्रवाई...

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किराए की कोख और कानून-- सुधा सिंह

सरोगेसी विधेयक पर हर तरह की राय आ रही है। अन्य देशों का हवाला दिया जा रहा है जहां सरोगेसी पर पाबंदी है, विशेषकर यूरोपीय देशों का। मोटे तौर पर सरोगेसी दरअसल ऐसे दंपति को संतान का सुख देने का जरिया है जहां स्त्री किसी कारण से गर्भधारण नहीं कर सकती, लेकिन जिन्हें अपनी जैविक संतान, कुछ समान जिनेटिक गुणों के साथ, चाहिए। ऐसे में महिला का अंडा और...

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कब मिटेगा बाल श्रम का कलंक-- बुद्धप्रकाश

भारतीय संविधान के अनेक प्रावधानों व अधिनियमों में बच्चों की सुरक्षा की खातिर व्यवस्थाएं की गई हैं। समय-समय पर इस उद््देश्य से नए कानून भी बनाए जाते रहे हैं। इस सब के बावजूद बाल श्रम की समस्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती गई है। बच्चों को भावी कर्णधार और आने वाले कल की तस्वीर कहा जाता है। लेकिन कल के उज्ज्वल भविष्य का वर्तमान पेट की आग बुझाने में इस कदर...

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