केंद्र सरकार द्वारा हर साल अपने वार्षिक बजट में ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के लिए भारी रकम आवंटित की जाती है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में अधिकारी नहीं होते हैं, तो क्या अधिकारियों की कमी के चलते सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू किया जा सकता है? यदि हम इस मुद्दे के बारे में गहराई से सोचें तो हमें जवाब तो आसानी से मिल...
More »SEARCH RESULT
नई शिक्षा नीति क्या लड़कियों की स्कूल वापसी करा पाएगी?
-बीबीसी, केंद्र सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति-2020 को मंज़ूरी दे दी जिसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में कई बदलाव किए गए हैं. इसमें शिक्षा पर सरकारी ख़र्च को 4.43% से बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का छह फ़ीसद तक करने का लक्ष्य है. लेकिन क्या इसमें उन लड़कियों की बात है जो 14 साल की उम्र तक आते-आते स्कूल छोड़ देती हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक़, हर साल...
More »‘आत्मनिर्भर भारत’: सरकार द्वारा जनता की जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने का बहाना?
-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के कारण एक ओर देश की सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भरता की घोषणा के द्वारा जनता के प्रति कई जवाबदेहियों से अपने को मुक्त कर लिया है जिसके चलते सभी क्षेत्रों में घोर निराशा का वातावरण छाया हुआ है. आर्थिक मोर्चे पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले तथा...
More »प्रवासी मजदूरों के पास न खाना बचा है और न पैसे बचे हैं! घर पहुंचने के लिए तकलीफें उठाईं सो अलग..
इस महामारी काल में 5 जून को, विभिन्न सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के एक स्वयंसेवक समूह ‘स्ट्रान्डेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क’ ने अपनी तीसरी रिपोर्ट ‘टू लीव या नॉट टू लीव? लॉकडाउन, माइग्रेंट वर्कर्स एंड देयर जर्नीज् होम’ जारी की. इस नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन प्रवासी मजदूरों ने स्वान के स्वयंसेवकों को सहायता के लिए फोन किया (15 मई और 1 जून के बीच 821...
More »कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने ईमानदार कोशिश नहीं की
-द वायर, दो महीने के कड़े लॉकडाउन के बावजूद भी आज कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के कोई प्रयास नहीं किए. इसका नतीजा है कि हर तीन में से दो जिलों के पास आज भी कोरोना जांच का इंतजाम नहीं है. राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में भी लोग बेड के अभाव में मर रहे हैं. मजदूरों को अमानवीय क्वारंटीन...
More »