नारायणपुर (ब्यूरो)। मजदूरी कर अपना गुजारा चलाने वाली जिला मुख्यालय की 18 महिलाएं अब बेल मेटल की कलाकृतियां बनाना सीख रही हैं। वे नहीं चाहती हैं कि जीवनभर वे मजदूरी ही करें। दिन में डेढ़ से दो सौ रूपए रोजी कमाने वाली ये महिलाएं अब पांच सौ से हजार रुपए तक कमा लेंगी। राज्य शासन के उपक्रम छग हस्तशिल्प विकास बोर्ड के स्थानीय शिल्पग्राम सेवाग्राम इंटरनेशनल में कौशल विकास के तहत...
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श्रीनगर क्यों न हो पहली स्मार्ट सिटी- शंकर अय्यर
'अगर फिरदौस बरोए जमीन अस्त, हमी अस्तो, हमी अस्तो हमी अस्त।' कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताते हुए महान शायर अमीर खुसरो ने कभी यह पंक्तियां कही थीं। मगर 2014 में भीषण बाढ़ की त्रासदी से अब तक न उबर सके कश्मीर की हालत कुछ और ही कहानी बयां करती है। सर्दियों के दस्तक देने के साथ यहां के बेघरबार, विद्यार्थी, छोटे व्यापारी और दूसरे तमाम लोग जिस तरह अपने अस्तित्व...
More »डेढ़ करोड़ का पैकेज छोड़ बने किसान, अब विदेशों में एक्सपोर्ट होते हैं इनके अनार
कोलकाता के दीपक गोयल के सिर पर खेती का जुनून ऐसा चढ़ा कि वे सालाना डेढ़ करोड़ रुपए पैकेज की नौकर छोड़ किसान बन गए। दीपक ने खंडवा के बंजारी गांव के पास 100 एकड़ जमीन खरीदी। अनार के पौधे लगाए। छह साल कड़ी मेहनत की। एक-एक पौधे की देखभाल की। अब यह पौधे बेहतर क्वालिटी के अनार उगल रहे हैं। अनार विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जा रहा है।...
More »मगनपुर की महिलाएं सूत कात कर हुईं आत्मनिर्भर- सुरेन्द्र / सुरेश
आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पुरुषों से किसी भी तरह कम नहीं हैं. वे गांव में भी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सशक्त पहचान बना रही हैं. गांधी जी के सपनों के अनुरूप वे बुनकरी का काम कर रही हैं. ग्रामीण महिलाओं में हुनर की किसी तरह की कमी नहीं है. अपने इस हुनर के बदौलत सूत कात कर महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं. जिससे वे अपने परिवार का...
More »सुखदेई ने सूत कताई को बनाया आजीविका का जरिया
गढ़वा प्रखंड के टंडवा की रहनेवाली सुखदेई देवी का घर की देहरी से निकलकर दिल्ली के विज्ञान भवन तक का सफर महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है. सुखदेई ने गढ़वा ही नहीं पूरे झारखंड राज्य को सम्मानित करने का काम किया है. गढ़वा शहर के सोनपुरवा स्थित झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में स्थापित प्रशिक्षण केंद्र से सुखदेई देवी ने 2008-09 में जुड़ कर सूत कताई का कार्य प्रारंभ किया. साक्षर सुखदेई...
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