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किसानों के जैसी चुनौती इतिहास में भाजपा को किसी ने नहीं दी है

-द वायर, गठजोड़ की कहानी दो हिस्सों में है. पहला हिस्सा काफी पहले लिखा जा चुका था जब अंडमान में कई सालों की कैद के बाद विनायक दामोदर सावरकर को रिहा कर दिया गया. कैद के पहले वे क्रांतिकारी हुआ करते थे. रिहाई के बाद वे ब्रिटिश हुकूमत के सहयोगी बन गए जैसा कि उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों से रहम की भीख मांगती हुई अपनी कई सारी अर्जियों में वादा किया था जो उन्होंने जेल से लिखी थी. जेल से...

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मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी

-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...

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कोरोना महामारी से लड़ाई और निशाने पर सरकार विरोधी आवाज़ें

-बीबीसी, सफ़ूरा ज़रगर को भारत की राजधानी दिल्ली में जिस समय गिरफ़्तार किया गया, वो तीन महीने से अधिक की गर्भवती थीं. उन्हें विवादित नागरिता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहे एक प्रदर्शन में शामिल होने के कारण गिरफ़्तार किया गया था. यह 10 अप्रैल की तारीख़ थी और यह वो वक़्त था जब कोविड-19 महामारी ने भारत में अपनी जड़ें जमानी शुरू की थीं. सरकार ने अपने ख़ुद के दिशा-निर्देश में...

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सूचना की महामारी, फैक्‍ट-चेक का हैंडवॉश और सत्‍य का लॉकडाउन

-न्यूजलॉन्ड्री, कुछ दिन पहले एक पत्रकार साथी का फोन आया था. वे दिल्‍ली के एक ऐसे शख्‍स की खोज खबर लेने को उत्‍सुक थे जिसे ज्‍यादातर अखबारों और टीवी चैनलों ने 9 अप्रैल, 2020 को मृत घोषित कर दिया था. मरे हुए आदमी को खोजना फिर भी आसान होता है, लेकिन ये काम थोड़ा टेढ़ा था. मित्र के मुताबिक व‍ह व्‍यक्ति जिंदा था. कुछ अखबारों और चैनलों के मुताबिक वह मर...

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सूखे बुंदेलखंड़ में जल संरक्षण की मिसाल है जखनी गांव

-इंडिया वाटर पोर्टल, भारत में जब भी जल संकट की बात होती है, तो उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड़ का जिक्र जरूर होता है। यहां पाताल में जाता भूजल, मुंह चिढ़ाते सूखे कुएं-तालाब और दम तोड़ती नदियों के कारण बुंदेलखंड़ में किसान होना अभिशाप हो गया है। पानी की कमी के चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। पानी का संकट, खेती में नुकसान और रोजगार का अभाव युवाओं को पलायन के लिए...

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