डाउन टू अर्थ, 21 मार्च जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) ने आज यानी 20 मार्च 2023 को अपनी नवीनतम संश्लेषण रिपोर्ट (एसवाईआर) जारी कर दी है। यह रिपोर्ट इससे पहले आईपीसीसी द्वारा जलवायु में होते बदलावों पर जारी की गई छह रिपोर्टों के निष्कर्षों का सार प्रस्तुत करती है, जो छठे मूल्यांकन का हिस्सा है। इस कड़ी में पहली रिपोर्ट 2018 में तापमान पर होती डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि...
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विश्व बैंक ने फंड देने से किया इनकार तो अधर में लटका भारत का तटीय मिशन!
डाउन टू अर्थ, 21 मार्च भारत सरकार के राष्ट्रीय तटीय मिशन को विश्व बैंक ने पैसा देने से इंकार कर दिया तो सरकार ने इसके बजट में भारी कटौती कर दी और मिशन को 'अधर' में छोड़ दिया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन पर बनी विभाग संबंधित संसदीय समिति ने इस पर एतराज जताया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मांग अनुदान (2023-24) को लेकर सौंपी गई...
More »जलवायु अनुकूलन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है भारत जैसे देशों में छोटी दूरी के लिए होने वाला प्रवास
डाउन टू अर्थ, 15 मार्च प्रवास को लेकर आम धारणा यह रही है कि ज्यादातर मामलों में लोग इसके लिए एक देश से दूसरे देश या फिर लम्बी यात्रा करते हैं। हालांकि यह सच नहीं है, दुनिया में ज्यादातर प्रवास छोटी दूरी के होते हैं। इस बारे में एक नए अध्ययन से पता चला है कि छोटे दूरी के लिए किए यह प्रवास जलवायु अनुकूलन के दृष्टिकोण से भी काफी मायने रखते...
More »जलवायु संकट: कई भारतीय शहरों के लिए गंभीर खतरा बना समुद्र का बढ़ता जलस्तर
डाउन टू अर्थ , 13 मार्च जलवायु में आते बदलावों के चलते जिस तरह समुद्र के जलस्तर में वृद्धि हो रही है वो भारत के कई बड़े शहरों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। ऐसे में इस आपदा से बचने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। इस बारे में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर के चलते सदी के अंत तक चेन्नई...
More »पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य
पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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