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उत्तराखंड में भारी बारिश से टूटे रास्ते, जनजीवन अस्त-व्यस्त

-डाउन टू अर्थ,  28 मई से उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश की स्थिति बनी हुई है। पौड़ी में भी 28 मई को हुई तेज बरसात से थलीसैंण ब्लॉक के कई गांवों में मुश्किल हालात पैदा हो गए। यहां पूर्वी नयार नदी को जाने वाला गदेरा उफान पर आ गया। बारिश के साथ गदेरे मे बह कर आए गाद और मलबे से गांवों के रास्ते टूट-फूट गए। ब्यासी, कुनेथ, रौली समेत...

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कोरोना वायरस: उत्तराखंड के भुतहा गांवों में भी लौटे प्रवासी

-न्यूजलॉन्ड्री, पिछले कई सालों से खाली पड़े उत्तराखंड के कई गांवों में अब लोग लौटने लगे हैं. अब तक इन भुतहा हो चुके गांवों में 564 लोगों के वापस लौट आने की ख़बर है. ये वे लोग हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने विभिन्न साधनों से उनके गांवों तक पहुंचाया है. अन्य साधनों से अपने इन भुतहा गांवों में पहुंच चुके लोगों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. उत्तराखंड ग्रामीण विकास...

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पलायन से बदल सकता है उत्तराखंड का राजनीतिक भूगोल

-न्यूजलॉन्ड्री, हिमालयी राज्य उत्तराखंड के ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली 35 प्रतिशत आबादी वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक अपना पैतृक निवास छोड़ चुकी है. 20 सालों में पलायन की यह गति बेहद भयावह है. आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड सुदूर पर्वतीय इलाकों से रोजाना औसतन 246 लोगों का पलायन हो रहा है. अगर इसी गति से पलायन जारी रहा तो उत्तराखंड का पूरा राजनीतिक...

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पलायन से बदल सकता है उत्तराखंड का राजनीतिक भूगोल

हिमालयी राज्य उत्तराखंड के ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली 35 प्रतिशत आबादी वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद अपना पैतृक घर छोड़ चुकी है। इन क्षेत्रों से रोजाना औसतन 246 लोग पलायन कर रहे हैं। अगर इसी गति से पलायन जारी रहा तो उत्तराखंड का राजनीतिक भूगोल बदल सकता है। पलायन के चलते राज्य की विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों का दायरा नए सिरे से निर्धारित करना पड़...

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नरेगा संघर्ष मोर्चा 2020-21 में नरेगा के लिए पर्याप्त बजट की मांग करता है

जैसे कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुर्बल हो रही है, सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के कामकाज में सुधार के लिए  हाल ही में नोबेल पुरुस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी सहित कई प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गई सलाह को नज़रअंदाज़ कर रही है। अर्थव्यवस्था को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। भारत में वर्तमान समय में  पिछले 45 वर्षों में  सर्वाधिक बेरोजगारी की  दर  हैऔर खाद्य मुद्रास्फीति नवंबर 2019 में दो  अंको  पर पहुंच गई है , जो पिछले  71 महीनो  में सर्वाधिक है । सरकार के स्वयं...

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