जयपुर।नरेगा के कारण खेतों में काम करने के लिए मजदूरों का भारी संकट पैदा होने के बाद अब केंद्र सरकार फसलों की बुवाई-कटाई के समय इन मजदूरों को खेतों में लगाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्य सरकार से इस संबंध में प्रस्ताव और सुझाव भेजने को कहा है। जिससे कृषि के काम में मजदूरों के संकट से निबटा जा सके। उन्होंने कहा कि यह हमेशा उनकी...
More »SEARCH RESULT
क्या हो विकास की सही परिभाषा- भारत डोगरा
सामान्य रूप से बाहरी चमक-दमक को देखकर कह दिया जाता है कि यह क्षेत्र विकास कर रहा है। मान लीजिए किसी महानगर में बहुत सी झुग्गी-झोपडि़यों बनी हैं और महानगर में कार्य करने वाले गरीब मजदूरों को इन सस्ते आवासों में आश्रय मिला हुआ है, क्योंकि इससे महंगी जगह में रहने के लिए पैसा उनके पास नहीं है। एक दिन उनकी झोपडि़यां तोड़ दी जाती हैं। इस स्थान पर एक...
More »सब्सिडी का अनोखा खेल-डॉ भरत झुनझुनवाला
वित्त मंत्री ने मन बनाया है कि लाभार्थी को सब्सिडी नगद रूप में दी जाए. वित्त मंत्री के मंतव्य का स्वागत किया जाना चाहिए. गरीब के नाम पर उच्चवर्ग और कंपनियों को पोषित करना उचित नहीं. हमारे धर्मग्रंथों में भी गरीब को नगद देने की बात कही गयी है. सरकार द्वारा डीजल, यूरिया, खाद्यान्न आदि पर सब्सिडी दी जा रही है. आम आदमी समझता है कि इससे उसे राहत मिल रही...
More »जमीन का कार्बन हवा में चला गया है
पटना, जागरण ब्यूरो: 'जैविक बिहार' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बुधवार को नई हरित क्रान्ति की प्रासंगिकता खाद्य सुरक्षा और समेकित विकास के व्यापक संदर्भो में रेखांकित की गयी। वैज्ञानिकों ने मिट्टी की सेहत और संतुलन में कमी, जीवांश खत्म होते जाने, जमीन का कार्बन हवा में चले जाने और अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग से मानव जीवन पर बढ़ रहे खतरे को लेकर गहरी चिन्ता जताई। पर्यावरण एक्टिविस्ट वंदना...
More »आबादी बढ़ी, सिमटता गया योजनाओं का दायरा
सीकर. सीकर जिले की आबादी हर साल दो लाख 67 हजार तो बढ़ रही है, लेकिन बढ़ती आबादी के बीच जिन बुनियादी सुविधाओं की जरूरत हैं, वो आज भी नहीं मिल पाई है। बात चाहे सड़क की हो, पेयजल निकासी की या फिर पार्किग व स्ट्रीटलाइट की। यह स्थिति हमें इसलिए भी सोचने पर मजबूर कर रही है कि हर जेब में मोबाइल, घरों में टीवी, फ्रिज और वाहन की सुविधा लगातार...
More »