नई दिल्ली। हाल में हुए राष्ट्रपति अभिभाषण में प्रणव मुखर्जी ने सरकार का लघु व मध्यम उद्यमियों (एमएसएमई) पर विशेष फोकस देने की बात कही। नतीजतन बनारस के बुनकरों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। इन बुनकरों का मानना है कि बनारस में भी गुजरात मॉडल लागू होना चाहिए। ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन (एचडब्ल्यूए) के डायरेक्टर डॉ रजनीकांत ने बताया, “राष्ट्रपति के अभिभाषण से मिले संकेत को देखते हुए बनारस के छोटे...
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संपादकीय : विकास बनाम विस्थापन
गुजरात में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने को मिली हरी झंडी निश्चित ही देश में बदले राजनीतिक माहौल का नतीजा है। 2006 में नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर इस परियोजना को पूरी मंजूरी दिलाने के लिए 51 घंटों का उपवास किया था। अब वे प्रधानमंत्री हैं तो नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) ने बांध की ऊंचाई 121.9 मीटर से बढ़ाकर 138.7 मीटर करने की इजाजत दे...
More »गरीबी और प्रधानमंत्री मोदी- विकास नारायण राय
जनसत्ता 30 मई, 2014 : भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता के बाद मोदी ने संसद के केंद्रीय हाल से संबोधन में अपनी सरकार को गरीबों, युवाओं और स्त्रियों को समर्पित करार दिया। कॉरपोरेट जगत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चहेते ‘चायवाले’ के लिए इस दिखावे को अधिक दिनों तक निभाना टेढ़ी खीर ही होगी। गरीबों को लेकर मोदी का नवउदारवादी ट्रैक रिकार्ड सर्वाधिक संदेहास्पद रहा है।...
More »साक्षात्कार:पर्यावरण को लेकर सरकार व समाज हो जागरूक
जंगल, जमीन हवा आदि प्रदूषित होते जा रहे हैं. धरती से लेकर आकाश तक कचरों को ढेर लगता जा रहा है. इसे लेकर दुनिया भर में चिंता व्यक्त की जा रही है. यह परिस्थिति कितनी गंभीर है और इससे कैसे निबटा जा सकता है, इन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद डॉ अरविंद कुमार से संदीप कुमार ने बातचीत की. डॉ कुमार मगध विश्वविद्यालय, बोध गया व विनोवा भावे विश्वविद्यालय...
More »विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह
जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...
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