बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
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आखिर कब पूरा होगा बाल मजदूर मुक्त समाज का सपना
नई दिल्ली। एक मई देश की उत्साहजनक विकास दर और शहरीकरण के बीच लाखों बच्चे अपने बचपन को भूल दयनीय स्थिति में मजदूरी करने को विवश हो रहे है। कई गैर सरकारी संगठन इस काम में जुटे हुए है कि बाल मजदूरी से देश व समाज को जल्द से जल्द मुक्त किया जा सकें। तमाम सरकारी नीतियों और गैर सरकारी प्रयासों के बावजूद बाल मजदूरों की संख्या में इजाफा होता...
More »दुनिया की खाद्य फैक्ट्री बन सकता है भारत
देश में कृषि क्षेत्र का आधार बहुत बड़ा है। यदि इसमें तेजी से सुधारात्मक कदम उठाए गए तो यह दुनिया की खाद्य फैक्ट्री बन सकता है। उद्योग संगठन सीआईआई की ओर से आयोजित ‘फूड एंड बेव समिट 2012’ में देश के कृषिगत आधार और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में विकास की संभावनाओं पर चर्चा की गई। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के सचिव राकेश केकर ने कहा कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के विकास को लेकर गंभीर...
More »राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)
सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...
More »गूगल अर्थ ने किया कमाल, 4000 गरीबों को दिला दी छत
सांगली. पुणे से ढाई सौ किमी दूर सांगली-मिरज में झुग्गियों में रह रहे चार हजार परिवारों ने अपने घर तोड़ लिए हैं। 29 बस्तियों के इन बाशिंदों को नए मकानों में बसाया जा रहा है। घरों के डिजाइन उनकी रजामंदी से ही बने। न कोई विरोध। न गुस्से का इजहार। ये कमाल हुआ है गूगल अर्थ की बदौलत। झुग्गियों से मुक्ति चाह रहे देशभर के बाकी शहरों के लिए सांगली-मिरज मिसाल...
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