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भारत के 20,328 अरब रूपए भ्रष्टाचार, कर चोरी में खर्च, देश के बाहर भेजी गई रकम

वाशिंगटन. भारत ने स्वतंत्रता के बाद से 2008 तक 20,556 अरब रुपए या करीब 20 लाख करोड़ (462 बिलियन डॉलर) भ्रष्टाचार, अपराध और टेक्स चोरी के कारण गंवाई है। वाशिंगटन में हुए एक अध्ययन के बाद भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और झटका लगने की आशंका बढ़ गई है। वाशिंगटन के एक आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ समूह ग्लोबल फाइनेंशियस इंटिग्रिटी(जीएफआई) ने हाल ही में जारी ‘द ड्राइवर्स एंड डायनामिक्स ऑफ...

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खाद्य सुरक्षा- अधूरी पहल

महीनों की बातचीत के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की सिफारिश कर दी है। यह बिल मुख्य अनाज के लिए आम लोगों के कानूनी अधिकार को पहले सोचे गए स्तर से भी नीचे ला देता है। और इस तरह परिषद ने भूख समाप्त करने के लिए सर्वजनीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से संगठित प्रयास शुरू करने का ऎतिहासिक अवसर खो दिया है। भारत में अनाज...

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राजनीतिक हकीकत के छह सूत्र --- योगेन्द्र यादव

तो बिहार में क्या होगा? अगर आप छह दिन बिहार में घूम कर आयें तो दिल्ली में हर कोई इसी सवाल से आपका स्वागत करता है. सवाल के पीछे  चुनावी सटोरिये  की गिद्ध दृष्टि या फ़िर राजनीति के कीड़े की उत्सुकता तो होती ही है. लेकिन बिहार की बात निकलते ही कहीं एक औपनिवेशिक दर्प टपकने लगता है. आप कितना ही कह लीजिये कि राजनीतिक चेतना में बिहार अधिकांश देश से...

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भुखमरी का अर्थशास्त्र- देविन्दर शर्मा

कुछ चौंकाने वाली छवियां मेरे मन में अब भी अंकित हैं। कोई 25 साल पहले मैं एक प्रमुख दैनिक में छपी खबर पढ़ रहा था, जिसमें लिखा था कि भारत में हर दिन करीब पांच हजार बच्चे मर जाते हैं। पिछले सप्ताह एक अखबार में छपी खबर ने फिर मेरा ध्यान खींचा। इसमें लिखा था कि भारत में 18.3 लाख बच्चे अपना पांचवां जन्मदिवस मनाने से पहले ही मर जाते हैं।...

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घर नहीं पर कहे जाते अमीर

इंद्रपुरी [रोहतास, निज प्रतिनिधि]। 'न जीने की ताकत न आती है मौत, जिंदगानी तलवार दुधारी बाबू जी, पूरी पीढ़ी खप गई बयाज चुकान में, फिर भी कायम रहीं उधारी बाबू जी'। कविता किरण की यह पंक्तियां गुमनाम भुईया टोले की स्थिति को चरितार्थ कर रही है। दुधमी डिहरी भुईया टोली के अधिकांश महादलित गरीबी रेखा से ऊपर है। जबकि इनके पास न घर बनाने, न खेती करने की जमीन है।...

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